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मुंबई: मुंबई में बुधवार को मराठा क्रांति मोर्चा का आयोजन किया गया है। इसमें मराठा समाज के करीब 9 लाख लोगों हिस्सा लिया। सुबह 11 बजे जिजामाता उद्यान से शुरू होकर ये मोर्चा शाम 4 बजे आज़ाद मैदान तक चला। मोर्चे की वजह से साउथ मुंबई के सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया था। कई सड़कों को बंद कर दिया गया। सड़कों पर जब मराठाओँ की रैली निकली तब पूरी सड़क भगवामय हो गई। राज्य में मराठा करीब 30 फीसदी हैं और वे सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इनकी मांगों को देखते हुए राज्य सरकार ने मंत्रियों और विपक्षी नेताओं की एक समिति बनाने का फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि यह समिति मराठा समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता करेगी और कोई हल निकालेगी। वहीं, किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए थे। मोर्चे पर सीसीटीवी और ड्रोन से भी नज़र रखी गई। इस मोर्चे की ख़ासियत यह रही कि इसमें शामिल लोग मूक रहते हैं यानी ख़ामोश रहकर अपना विरोध जताते हैं।

इस मोर्चे को सभी राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है. जुलाई 2016 में कोपड़ी में एक नाबालिग़ से बलात्कार के बाद मराठा समाज के लोगों ने न्याय की मांग करते हुए कई ज़िलों में मूक मोर्चा निकालना शुरू किया। तब से अब तक 57 मोर्चे निकल चुके हैं।

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