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नई दिल्ली: राजस्थान में कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। भाजपा के पूर्व नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मैदान में उतारा है। मानवेंद्र सिंह ने पिछले महीने ही कांग्रेस ज्वाइन की थी। कांग्रेस के इस दांव के बाद झालड़पाटन में लड़ाई दिलचस्प हो गई है। वसुंधरा राजे और मानवेंद्र सिंह के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि सीएम वसुंधरा 2003 से लगातार यहां से चुनाव जीतती आ रही हैं।

गौरतलब है कि मानवेंद्र सिंह और उनके पिता जसवंत सिंह लंबे समय से भाजपा से नाराज थे। साल 2014 में पार्टी ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट देने से इनकार कर दिया था। पिछले चार सालों से कोमा में चल रहे जसवंत सिंह ने बाद में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और भाजपा के उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था। मानवेंद्र सिंह ने कहा कि यह बहुत बड़ी चुनौती है। मैंने तो राहुल जी से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात की थी, पर पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया है। मैंने नहीं कहा कि मुझे वसुंधरा के ख़िलाफ़ लड़ना है पर पार्टी का फ़ैसला है तो मैं तैयार हूं।

सिंह ने कहा कि मैं यही कहूंगा अपने समर्थकों से कि स्वाभिमान की लड़ाई जारी है। मैंने कोई उपमुख्यमंत्री की पोस्ट नहीं मांगी थी। उन्होंने कहा कि मैं तैयार हूं। चुनौती बड़ी है। मैं पूरी मेहनत करूंगा। आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच भाजपा छोड़ने वाले मानवेंद्र सिंह पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हो गये थे। दिल्ली में राहुल गांधी के घर पर उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई थी। 

भाजपा और वसुंधरा राजे से नाराज़गी के बाद 22 सितंबर को मानवेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ी थी। राजपूत वोट पर मानवेंद्र और उनके पिता जसवंत सिंह की अच्छी पकड़ मानी जाती है।

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