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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि विपक्ष के पास कोई खास मुद्दा नहीं है। इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गठबंधन सरकार जनता ही नहीं सत्ता सहयोगी कई विधायकों का विश्वास खो चुकी है, इसलिए सीएम अविश्वास प्रस्ताव से बच रहे हैं। 

हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश का अन्नदाता सड़कों पर है। दिल्ली बॉर्डर समेत पूरे हरियाणा में सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे आंदोलनकारी बैठे हैं। क्या किसानों के इतने बड़े आंदोलन को प्रदेश सरकार मुद्दा नहीं मानती। इससे बड़ा मुद्दा सरकार के लिए और क्या हो सकता है। वे किसानों के इन्हीं मुद्दों पर विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। कई निर्दलीय विधायक सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं। सरकार की गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी के कई विधायकों ने भी किसानों के समर्थन की बात कही है।

 

उन्होंने कहा, स्पष्ट है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार जनता ही नहीं, अपने विधायकों का भी विश्वास खो चुकी है। अगर विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव आता है तो खुद सत्ता सहयोगी सरकार के खिलाफ मत डालेंगे। इसलिए हमने राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। मुख्यमंत्री की तरफ से इस मांग को खारिज करना बताता है कि उन्हें खुद अपनी सरकार और विधायकों पर भी भरोसा नहीं है। 

हुड्डा ने कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री की सांविधानिक शक्तियां अलग-अलग है। ऐसे में हमने सीधे राज्यपाल को पत्र लिखकर अपील की थी कि वे प्रदेश के किसानों की स्थिति और राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए अपनी सांविधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करें और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं। 

इससे न सिर्फ लड़खड़ाती हुई सरकार का सच जनता के सामने उजागर हो जाएगा बल्कि, उन विधायकों की दोगली नीति का भी पर्दाफाश हो जाएगा जो किसानों का वोट लेकर महज़ कुर्सी के लालच में किसान विरोधी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। सिर्फ विपक्ष ही नहीं प्रदेश की जनता भी किसानों के मुद्दे पर हर विधायक का स्टैंड जानना चाहती है।  

 

 

 

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