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गुरुग्राम: 2012 में मारुति सुजूकी संयंत्र में हुई हिसा के मामले में गुरुग्राम की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीन आरपी गोयल की अदालत शुक्रवार को 117 आरोपियों को आरोप से मुक्त कर दिया। इसके अलावा अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी करार दिया है। हालांकि आरोपियों को किन धाराओं में दोषी ठहराया गया, इसकी जानकारी दोपहर बाद मिल सकेगी। मारुति काड के आरोपियों के फैसले के मद्देनजर जिले में अदालत परिसर और मारुति सयंत्र के 500 मीटर दायरे के भीतर न केबल दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू है। बल्कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल और ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए हैं। यूनियन के गठन को लेकर हुए विवाद में मारुति सुजुकी के महाप्रबंधक (मानव संसाधन) अविनाश कुमार देव की 18 जुलाई 2012 हुई हिंसा में मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने गंभीर आपराधिक धाराओं में 147 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। सुनवाई के दौरान 145 श्रमिको के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए थे। गिरफ्तार किए गए 145 श्रमिकों में 11 अब भी जमानत न मिलने के कारण जेल में हैं।

शेष जमानत पर जेल से बाहर हैं। हालांकि मुकदमें की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। श्रमिकों पर हथियारों से हमला करना, हत्या, हत्या का प्रयास, दंगा करने से समेत कई आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं। श्रमिक यूनियन के गठन समेत विभिन्न मांगों पर आंदोलित थे लेकिन प्रबंधन के बीच संघर्ष के बाद हिंसा शुरू हो गई थी। आरोप है कि श्रमिकों ने कई अधिकारियों, प्रबंधकों और पर्यवेक्षकों पर हमला किया। कार्यालयों को आग लगने के बाद संयंत्र में भारी क्षति पहुंचाई गई।

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