ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: हमारे देश में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब कई राज्यों विधानसभा और उपचुनाव की तैयारियां हो रही है। लेकिन एक बार फिर ईवीएम का जिन्न जाग उठा है। दरअसल विदेश में भी ईवीएम के जरिए चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए हैं।

इसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी देश में ईवीएम के जरिए हो रहे चुनाव पर तंज कसा है। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240, कांग्रेस ने 99 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है।

चुनावी पारदर्शिता पर उठ रहे हैं गंभीर सवाल: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ईवीएम एक 'ब्लैक बॉक्स' की तरह है, जिसकी जांच करने की अनुमति किसी को भी नहीं है। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जब हमारे देश की चुनावी प्रक्रिया के पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): तीसरी बार बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण के बाद संसद का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो जाएगा। यह सत्र आठ दिनों तक चलेगा। इस सत्र के तीसरे दिन 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है। इस चुनाव से पहले विपक्ष बार बार इस बात पर जोर दे रहा है कि एनडीए के सहयोगियों के पास लोकसभा अध्यक्ष का पद होना चाहिए।

इस मुद्दे पर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने साफ कर दिया है कि बीजेपी जो भी फैसला करेगी, पार्टी उसका समर्थन करेगी। वहीं, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने कहा हैं कि गठबंधन में सभी सभी दलों की सहमति से उम्मीदवार का चयन करना चाहिए।

जेडीयू ने किया था समर्थन का एलान

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता केसी त्यागी ने शनिवार को कहा कि जेडीयू और टीडीपी एनडीए में सहयोगी हैं और वे भारतीय जनता पार्टी द्वारा नामित उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। केसी त्यागी ने मीडिया को बताया, 'जेडीयू और टीडीपी मजबूती से एनडीए में हैं। हम बीजेपी द्वारा स्पीकर के लिए नामित व्यक्ति का समर्थन करेंगे।'

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा चुनाव 2024 के बाद एक बार फिर केंद्र में मोदी सरकार बन गई है। अब लोकसभा के स्पीकर के लिए चुनाव होना है, जिसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार विपक्षी पार्टी स्पीकर चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकता है। अगर डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता है तो वे स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।

स्पीकर पद पर बीजेपी के साथ है जेडीयू-टीडीपी

एनडीए की नई सरकार बनने के बाद से ही यह अटकलें लगाई जाने लगी थी कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) लोकसभा में स्पीकर का पद मांग सकती है। इस पर शुक्रवार (14 जून) को जेडीयू ने साफ कर दिया था कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जेडीयू एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा है। स्पीकर पद के लिए बीजेपी जिसे भी नामित करेगी दोनों पार्टी उसका समर्थन करेंगी।

पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, जिस वजह से लोकसभा में स्पीकर पद पर बीजेपी का दबदबा था।

नई दिल्ली: अरुंधति रॉय और कश्मीर के एक पूर्व प्रोफेसर शौकत हुसैन के खिलाफ 14 साल पुराने मामले को लेकर यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस कानून पर सवाल खड़ा किया है।

ओवैसी ने बीजेपी-कांग्रेस पर साधा निशाना

असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "यूएपीए का कानून आज फिर से चर्चा में है। यह एक इंतिहाई बेरहम कानून है, जिसकी वजह से न-जाने कितने हजार मुसलमान, दलित और आदिवासी नौजवानों को जेल में बंद करके उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी गई। यह कानून एक 85 वर्षीय स्टैन स्वामी की मौत का कारण बना।"

यूएपीए कानून को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "इस कानून को कांग्रेस सरकार ने 2008 और 2012 में और भी सख्त बनाया था, मैंने तब भी उसकी मुखालिफत की थी। 2019 में बीजेपी ने फिर से इस पर ज्यादा सख्त प्रावधान/दफा आत लाए थे, तब कांग्रेस ने बीजेपी का साथ दिया था।"

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख