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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा चुनाव 2024 के बाद एक बार फिर केंद्र में मोदी सरकार बन गई है। अब लोकसभा के स्पीकर के लिए चुनाव होना है, जिसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार विपक्षी पार्टी स्पीकर चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकता है। अगर डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता है तो वे स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।

स्पीकर पद पर बीजेपी के साथ है जेडीयू-टीडीपी

एनडीए की नई सरकार बनने के बाद से ही यह अटकलें लगाई जाने लगी थी कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) लोकसभा में स्पीकर का पद मांग सकती है। इस पर शुक्रवार (14 जून) को जेडीयू ने साफ कर दिया था कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जेडीयू एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा है। स्पीकर पद के लिए बीजेपी जिसे भी नामित करेगी दोनों पार्टी उसका समर्थन करेंगी।

पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया था, जिस वजह से लोकसभा में स्पीकर पद पर बीजेपी का दबदबा था।

18वीं लोकसभा में अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि विपक्षी इंडिया गठबंधन 234 सदस्यों के साथ सशक्त होकर सदन में नजर आएगा।

विपक्षी पार्टी पहले ही कह चुकी है कि इस बार सदन में बीजेपी की मनमर्जी नहीं चलेगी। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 17 जून 2019 से 5 जून 2024 तक था। इस दौरान संसद में कई प्रदर्शन हुए। कई बार ऐसे मौके आए जब सांसदों को निलंबित कर दिया गया। दिसंबर 2023 में शीतकालीन सत्र के दौरान 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 8 जून को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें पार्टी की पूर्वी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि अब संसद को उस तरह से नहीं दबाया जा सकता और न ही दबाया जाना चाहिए, जैसा कि पिछले 10 सालों से किया जा रहा था।

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