नई दिल्ली: अरुंधति रॉय और कश्मीर के एक पूर्व प्रोफेसर शौकत हुसैन के खिलाफ 14 साल पुराने मामले को लेकर यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस कानून पर सवाल खड़ा किया है।
ओवैसी ने बीजेपी-कांग्रेस पर साधा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "यूएपीए का कानून आज फिर से चर्चा में है। यह एक इंतिहाई बेरहम कानून है, जिसकी वजह से न-जाने कितने हजार मुसलमान, दलित और आदिवासी नौजवानों को जेल में बंद करके उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी गई। यह कानून एक 85 वर्षीय स्टैन स्वामी की मौत का कारण बना।"
यूएपीए कानून को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "इस कानून को कांग्रेस सरकार ने 2008 और 2012 में और भी सख्त बनाया था, मैंने तब भी उसकी मुखालिफत की थी। 2019 में बीजेपी ने फिर से इस पर ज्यादा सख्त प्रावधान/दफा आत लाए थे, तब कांग्रेस ने बीजेपी का साथ दिया था।"
उन्होंने कहा, "मैंने तब भी इस कानून का विरोध किया था। मगर, मोदी 3.0 से ये उम्मीद थी कि वो चुनाव के नतीजों से कुछ सीखेंगे, तो इन्होंने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया। ज़ुल्म और ज्यादतियों का ये सिलसिला जारी रहेगा।"
14 साल पहले अरुंधति रॉय पर लगा था आरोप
दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम में 21 अक्टूबर 2010 को हुई कॉन्फ्रेंस में लेखिका अरुंधति रॉय और प्रोफेसर शौकत हुसैन पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। जिसके बाद सोशल एक्टिविस्ट सुशील पंडित ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।