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(आशु सक्सेना) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण के चुनाव प्रचार का श्री गणेश करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़े नर्बस नज़र आए। संभवतः इस दौर में उनको अपने घटक दलों के बूते पर सत्ता की बागडोर संभालने का पूरा भरोसा नही है, इसलिए मोदी की यह हताशा उजागर हुई या फिर वह यह स्वीेकार कर चुके है कि इस प्रदेश में अब 2014 का रिकार्ड दोहराना उनके लिए संभव नही है। सूबे का चुनाव अब अपने अंतिम दौर में है। छठे चरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आज मउ से चुनाव प्रचार शुरू किया। उन्होंने केंद्र सरकार के कामकाज पर कोई बयान जारी ना करते हुए अपने चुनावी भाषण की शुरूआत पिछले चार चरण के मतदान में भाजपा को मिलने वाले संभावित बहुमत से करते हुए सपा और कांग्रेस गठजोड़ पर निशाना साघा। उन्होंने कहा कि आनन फानन में किए गये इस गठबंधन का क्या हर्ष होगा, यह बात इससे से साफ हो गई है कि इनका कोई भी स्टार प्रचारक मुकाबले में नही कूदा। पीएम मोदी ने कहा कि यू तो भाजपा को बहुमत मिल रहा है। लेकिन वह गठबंधन धर्म का पालन करेगी। केंद्र में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बावजूद हमने अपने घटक दलों को साथ रखा। गौरतलब है कि पूर्वांचल में भाजपा अपने घटक दलों के बूते पर बैतरणी पार करना चाहती है। लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा ने जातिगत समीकरणों को दुरूस्त करने के लिए अपनादल का दामन थामा था, लेकिन अब विधानसभा को कब्जाने के लिए उसको एक ओर क्षेत्रीय दल भारतीय समाज पार्टी से भी हाथ मिलाना पड़ा है।

अपने बूते पर पार्टी को केंद्र में बहुमत दिलाने वाले मोदी को अब सूबे के चुनाव में किसी छोटे दल की चिरौरी करना जाहिरानातौर पर असहज कर रहा होगा। लिहाजा उनका नर्बस होना स्वाभाविक ही प्रतीत होता है। देश के सबसे बडे़ सूबे में विजय पताका लहरहाने वाले मोदी को अब पार्टी के लिए सूबेदारी हासिल करने के वास्ते इतनी मशक्कत करना निसंदेह उनकी कमजोर होती पकड़ की ओर इशारा कर रही है। दरअसल जब मोदी ने चुनावी भाषण के दौरान पानी पिया, तब यह महसूस नही हो रहा था कि वह हताश हो चुके है। उनकी हताशा उस वक्त उजागर हुई, जब मोदी ने भीड़ के शोर पर नाराजगी दर्ज करते हुए मीडिया को हिदायत दी कि वह अपने कैमरों को कहीं ओर ले जाएं क्योंकि भीड़ उन कैमरों की वजह से शोर कर रही है। मोदी ने आज के अपने भाषण में केंद्र सरकार की किसी भी उपलब्धी का ज़िक्र नही किया। उन्होंने 2022 में होने वाली कमाई में दोगुना हिजाफे का ख्याब ज़रूर दिखाया। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर बिजली के तारों में करेंट नही है, तो फिर उनको पकड़ कर दिखाओं ताकि हमको भी हकीकत की जानकारी मिल जाए।

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