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नई दिल्ली: विवादों में फंसी संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म (पहले- पद्मावती)) को आखिरकार अपनी रिलीज़ डेट मिल ही गई लेकिन विवाद अभी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है आपको बता दे कि 26 जनवरी को फिल्म रिलीज किए जाने की चर्चा है उससे पहले कुछ राज्यों में फिल्म का प्रदर्शन बैन किए जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं।

बता दे की गुजरात सरकार ने संजयलीला भंसाली की फिल्म पद्मावत (पहले पद्मावती) को राज्य में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज यहां एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने नवंबर माह में तब पद्मावती नाम वाली इस फिल्म को सामाजिक सछ्वाव बनाये रखने के लिए गुजरात में प्रदर्शित नहीं करने की अनुमति दी थी। इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध का यह आदेश आगे भी जारी रहेगा।

ज्ञातव्य है कि नाम बदलने तथा अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के विवादास्पद घूमर नृत्य में बदलाव समेत कुछ अन्य परिवर्तनों के बाद सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी है। इसके देश भर में 25 जनवरी को प्रदर्शित किया जाना है। गुजरात से पहले राजस्थान ने भी इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी और राजपूत रानी पद्मावती की ऐतिहासिक कथा पर आधारित इस फिल्म का राजपूत करणी सेना समेत कई संगठन विरोध कर रहे हैं। करणी सेना ने तो इसे प्रदर्शित करने पर सिनेमा घरों पर हिंसक प्रदर्शन की चेतावनी दे रखी है।

राजपूत करणी सेना ने दिल्ली में भी फिल्म पद्मावती को बैन करने की मांग की है और कहा गया है कि वो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलकर फिल्म का प्रदर्शन रोकने की मांग करेंगे।

आपको बता दे की इससे पहले भी मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने पहले की गई घोषणा के मुताबिक ,पद्मावत पर बैन जारी रखने का फैसला किया है।

वही , राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज को हरी झंडी दिखाए जाने के विरोध में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यालय के बाहर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस कुछ कार्यकर्ताओं को अपने साथ ले गई। सुखदेव सिंह गोगामेरी के नेतृत्व में राजपूत संगठन के सदस्यों ने विवादित फिल्म की रिलीज की अनुमति देने पर सीबीएफसी कार्यालय के बाहर एकत्र होकर अपनी नाराजगी जाहिर की।

करणी सेना के एक सदस्य जीवन सिंह सोलंकी ने कहा की हम किसी भी स्थिति में देश में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। कुछ राज्य पहले से ही हम से सहमत हैं और इसलिए फिल्म को प्रतिबंधित कर चुके हैं। हम पूरे देश में फिल्म को प्रतिबंधित होते देखना चाहते हैं।’ सोलंकी ने कहा कि हम यही नहीं रुकेंगे, बल्कि हम हमारे प्रधानमंत्री से फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह करने जा रहे हैं क्योंकि फिल्म राजपूत समुदाय की विरासत और संस्कृति को बर्बाद कर देगी। फिल्मकार ने राजपूतों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह संदेह को दूर करने के लिए फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज से पहले देखना चाहेंगे तो उन्होंने कहा कि फिल्म में हमारे समुदाय को पूरी तरह से गलत दिखाया गया है। हम इस फिल्म को नहीं देखना चाहते। इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए।’

करणी सेना के प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि संगठन के सदस्य और अन्य राजपूत संगठनों के सदस्य भी यहां विरोध करने के लिए एकत्र हुए।

सीबीएफसी ने पांच संशोधनों और फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ कर देने पर इसकी रिलीज को मंजूरी दी है। यह भारत में 25 जनवरी को रिलीज हो रही है, हालांकि यह राजस्थान में नहीं रिलीज होगी। सीबीएफसी ने तीन सदस्यीय सलाहकार पैनल से परामर्श के बाद फिल्म को यू/ए प्रमाणपत्र के साथ हरी झंडी दिखाई है।

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