नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया रेलवे की ड्यूटी पर लौट रहे हैं। हालांकि, इन्होंने कहा है कि उनका संघर्ष जारी रहेगा। बता दें कि रविवार को प्रदर्शनकारी पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्होंने पहलवानों से लगभग 2 घंटों तक बातचीत की थी। इसके बाद आज आंदोलनकारी पहलवानों ने ये कदम उठाया है।
पहलवान साक्षी मलिक को लेकर एक न्यूज एजेंसी ने सोमवार (5 जून) को दावा किया कि उन्होंने रेलवे में अपनी नौकरी दोबारा ज्वाइन कर ली है। हालांकि, इस दावे के सामने आने के कुछ ही देर बाद साक्षी मलिक ने इस बात का खंडन किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि "ये खबर बिल्कुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है और ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाये।"
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।
जिनमें एक प्राथमिकी नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है। पुलिस ने 28 अप्रैल को कनॉट प्लेस पुलिस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं, जिसमें एक में नाबालिग पहलवान के पिता द्वारा दी गई शिकायत पर बच्चों को यौन शोषण से संरक्षण दिलाने वाला पॉक्सो अधिनियम लगाया गया था, जिसमें दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल की सजा होती है।
कैसे शुरू हुआ था पहलवानों का प्रदर्शन
देश के बड़े पहलवानों ने जनवरी 2023 में बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था कुछ दिनों तक चले प्रदर्शन के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात की थी, जिसके बाद एक कमेटी बनाई गई और पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया था। कमेटी की जांच पूरी होने के बाद 23 अप्रैल से फिर पहलवानों ने अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया और कहा कि निष्पक्ष जांच नहीं हुई है। पहले प्रदर्शन बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर की मांग थी, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद पहलवान गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए।