मोहाली: लक्ष्य का पीछा करने में महारत हासिल कर चुके विराट कोहली ने शनिवार को फिर से अपने इस हुनर का लाजबाव नमूना पेश करके भारत को करो या मरो वाले मैच में ऑस्ट्रेलिया पर छह विकेट से जीत दिलाकर आईसीसी विश्व टी20 के सेमीफाइनल में पहुंचाया जहां उसका सामना वेस्टइंडीज से होगा। टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे ऑस्ट्रेलिया का स्कोर पहले चार ओवर के बाद 53 रन था और तब लग रहा था कि वह 200 रन के पार पहुंच जाएगा लेकिन आखिर में उसकी टीम छह विकेट पर 160 रन तक ही पहुंच पाई जिसमें आरोन फिंच (34 गेंदों पर 43), ग्लेन मैक्सवेल (28 गेंदों पर 31) और उस्मान ख्वाजा (16 गेंदों पर 26) का योगदान अहम रहा। कोहली ने 51 गेंदों पर नौ चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 82 रन की बेहतरीन पारी खेली जिससे भारत शीर्ष क्रम के अन्य बल्लेबाजों की नाकामी के बावजूद 19.1 ओवर में चार विकेट पर 161 रन बनाकर क्वार्टर फाइनल सरीखे इस मैच में जीत दर्ज करने में सफल रहा। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (नाबाद 18) ने विजयी चौका लगाया। भारत ग्रुप दो से दूसरे स्थान पर रहा और वह 31 मार्च को मुंबई होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में ग्रुप एक से शीर्ष पर रहने वाले वेस्टइंडीज से भिड़ेगा। दूसरा सेमीफाइनल न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच 30 मार्च को दिल्ली में खेला जाएगा। कोहली के अलावा भारतीय गेंदबाजों की भी तारीफ करनी होगी जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को पहले चार ओवर के बाद खुलकर नहीं खेलने दिया।
हार्दिक पंडया का आखिरी ओवर महंगा साबित हुआ लेकिन उन्होंने 36 रन देकर दो विकेट लिए। आशीष नेहरा (20 रन देकर एक विकेट), युवराज सिंह (19 रन देकर एक विकेट) और रविंद्र जडेजा ने कसी हुई हुई गेंदबाजी की जिससे ऑस्ट्रेलिया चार ओवर के बाद अगले दस ओवर में केवल 51 रन बना पाया और इस बीच उसने चार विकेट गंवाए। भारत की सलामी जोड़ी फिर से टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दिला पायी। शिखर धवन (13) ने जोश हेजलवुड पर छक्का लगाया लेकिन नाथन कोल्टर नाइल ने उनकी पारी ज्यादा देर तक नहीं चलने दी जबकि शेन वाटसन ने रोहित शर्मा (12) को गेंद के लाइन में आए बिना आगे बढ़कर खेलने की सजा बोल्ड कर दी। बहरहाल, कोहली ने हेजलवुड पर दो चौके जड़कर शुरुआत की और पीसीए स्टेडियम में इसके बाद उनका नाम गूंजने लगा, लेकिन सलामी बल्लेबाजों की तरह सुरेश रैना (10) भी फिर से नाकाम रहे। वाटसन की गेंद को पुल करने के प्रयास में उन्होंने विकेट के पीछे कैच दिया। युवराज सिंह (21) के बाएं पांव में आते ही परेशानी हो गई जिससे उन्हें रन लेने में थोड़ी दिक्कत हुई। वाटसन ने कवर पर लंबी दौड़ लगाकर युवराज का कैच लेकर स्टेडियम में उनके प्रशंसकों को सन्न किया। यह आखिर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका आखिरी कैच साबित हुआ। वाटसन ने पहले ही विश्व टी20 के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। धौनी ने फाकनर पर चौका लगाकर भारत को 15वें ओवर में तिहरे अंक में पहुंचाया। भारत को आखिरी पांच ओवर में 59 रन चाहिए थे। धौनी और कोहली ने इसके बाद विकेटों के बीच दौड़ के अपने कौशल का अच्छा नमूना पेश किया। हेजलवुड के ओवर में उन्होंने इससे 12 रन जुटाये। कोहली ने 39 गेंदों पर 15वां और लक्ष्य का पीछा करते हुए 10वां अर्धशतक पूरा किया। भारत को आखिरी तीन ओवर में 39 रन की दरकार थी लेकिन कोहली ने फाकनर पर पहले दो चौके और फिर छक्का जड़कर हिसाब बराबर कर दिया। इस ओवर में 19 रन बने। कोहली यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने कूल्टर नाइल के अगले ओवर में चार चौके लगाकर दर्शकों को उत्साह से लबरेज कर दिया। आखिरी छह गेंदों पर अब चार रन चाहिए थे। धौनी ने फाकनर की पहली गेंद पर विजयी चौका जड़कर जीत की औपचारिकता पूरी की। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर पहले चार ओवर के बाद 53 रन था और तब लग रहा था कि वह 200 रन के पार पहुंच जाएगा लेकिन अगले दस ओवर में वह केवल 51 रन बना पाया और इस बीच उसने चार विकेट गंवाए। आरोन फिंच ने उसकी तरफ से सर्वाधिक 43 रन बनाए। उनके अलावा ग्लेन मैक्सवेल (28 गेंदों पर 31) और उस्मान ख्वाजा (16 गेंदों पर 26 रन) ने भी उपयोगी योगदान दिया। भारतीय गेंदबाजों में हार्दिक पंड्या सबसे सफल रहे। उन्होंने चार ओवर में 36 रन देकर दो विकेट लिये। आशीष नेहरा (20 रन देकर एक विकेट), युवराज सिंह (19 रन देकर एक विकेट) और रविंद्र जडेजा ने कसी हुई हुई गेंदबाजी करके ऑस्ट्रेलियाई रन गति पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभायी। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए तूफानी शुरुआत की। ख्वाजा ने नेहरा के पहली गेंद पर चौका लगाने के बाद उनकी अगली पांच गेंदों को पूरा सम्मान दिया लेकिन जसप्रीत बुमराह पर चार चौके जड़कर उन्हें आक्रमण से हटवा दिया। बुमराह की जगह गेंद संभालने वाले भरोसेमंद स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के पहले ओवर में 22 रन बने जिसमें फिंच के लांग आन पर लगाए गए दो छक्के हैं। इससे अश्विन की लय बिगड़ गई और उन्होंने लगातार दो गेंद वाइड की जिसमें एक चार रन के लिए गई। नेहरा ने भारत को फिर से पावरप्ले में सफलता दिलायी। उनकी गुडलेंथ गेंद ख्वाजा के बल्ले के निचले हिस्से से लगी और विकेटकीपर धौनी ने अपने बायीं तरफ उसे कैच कर दिया। इससे रन गति पर अंकुश लगा। तीन ओवर तक गेंद सीमा रेखा पर नहीं पहुंची और अगले ओवर में अश्विन की स्पिन लेती गेंद पर डेविड वार्नर (6) गच्चा खाकर स्टंप आउट हो गए। युवराज अपने घरेलू मैदान पर टूर्नामेंट में पहली बार गेंदबाजी के लिए आए। उनकी पहली गेंद में थोड़ा उछाल था जो स्टीवन स्मिथ (2) के बल्ले को चूमकर धौनी के दस्तानों में पहुंची। अंपायर मारियास इरासमुस ने उंगली उठा दी लेकिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान उनके फैसले से खुश नहीं थे और रीप्ले से भी साफ नहीं लग रहा था कि गेंद और बल्ले का संपर्क हुआ या नहीं। ऑस्ट्रेलिया ने अपना दूसरा पचासा पूरा करने में 9.1 ओवर लिए। गेंद नीची रह रही थी और शाट लगाना मुश्किल था। फिंच ने एक छोर संभाले रखा था लेकिन पंडया की गेंद पर वह सही टाइमिंग से शाट नहीं लगा पाये और डीप मिडविकेट पर खड़े शिखर धवन को कैच करने में कोई परेशानी नहीं हुई। फिंच ने अपनी 34 गेंद की पारी में दो छक्कों के अलावा तीन चौके भी लगाए। मैक्सवेल ने रविंद्र जडेजा पर स्विच हिट से छक्का लगाया लेकिन बमराह ने उनका ऑफ स्टंप उखाड़कर भारतीयों को डेथ ओवर में बड़ी राहत दी। पंडया के आखिरी ओवर में 15 रन बने। वह जेम्स फाकनर (दस) को आउट करने में सफल रहे लेकिन शेन वाटसन (नाबाद 18) और पीटर नेविल (नाबाद 10) टीम का स्कोर 150 रन के पार ले गए। नेविल ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाया।