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नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने करोड़ों लोगों को दिवाली का तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम की अवधि में ब्याज पर ब्याज के भुगतान वाली स्कीम को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार देर रात को सरकार ने 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए ब्याज पर छूट देने की घोषणा की। इस स्कीम का आम आदमी तक लाभ पहुंचाने के लिए वित्त मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी कर दी है। अब इसके तहत चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर का भुगतान केंद्र सरकार करेगी। अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। 2 नंवबर को इस पर सुनवाई होनी है। इसलिए सरकार पहले इसकी जानकारी उसे ही देगी।

कोर्ट ने सरकार से कहा था-आम आदमी की दिवाली आपके हाथ में है

बता दें इससे पहले न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "कुछ ठोस किया जाना चाहिए था, 2 करोड़ तक के कर्जदारों को छूट का लाभ जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।"  पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि आम आदमी की दिवाली आपके हाथ में है।

नई दिल्ली: भारत सरकार ने प्याज की कीमत नियंत्रण में लाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। दरअसल सरकार ने प्याज व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा तय करने का निर्णय लिया है। इसके तहत खुदरा विक्रेता को स्टॉक में मात्र 2 टन प्याज रखने की इजाजत होगी वहीं थोक विक्रेता को मात्र 25 टन स्टॉक रखने की इजाजत होगी। उपभोक्ता मंत्रालय की सचिव लीना नंदन ने यह जानकारी दी।

लीना नंदन ने बताया कि यह पहली बार है जब हमने 1 लाख मीट्रिक टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया है ताकि उस स्टॉक की कैलिब्रेटेड रिलीज से बढ़ती कीमत का ध्यान रखा जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार प्याज की आपूर्ति की। अब तक 35 हजार मीट्रिक टन प्याज राज्यों को कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए दिया गया है।

लीना ने आगे कहा कि एक राष्ट्र के रूप में, हम प्याज के बड़े उपभोक्ता हैं। प्याज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से लगातार सक्रिय कदम उठाए गए हैं।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की वजह से कर्ज अदायगी में ग्राहकों को छह माह की राहत का वहन सरकार करेगी। आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने इस दौरान बैंकों को मासिक किस्त के ब्याज पर ब्याज चुकाने का फैसला किया है। हालांकि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए सरकार पहले इसकी जानकारी उसे ही देगी।

फैसले के अनुसार, सरकार चुनिंदा श्रेणी के कर्ज पर छह महीने में वसूले गए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर यानी ब्याज पर ब्याज का एकमुश्त अनुग्रह भुगतान करेगी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, एमएसएमई, शिक्षा, आवास, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन और पर्सनल लोन जैसे कर्ज इस श्रेणी में आएंगे। एक अनुमान के मुताबिक, ब्याज पर ब्याज के इस भुगतान से सरकारी खजाने पर करीब 5500 करोड़ का बोझ पडे़गा।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019-2020 के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस और गैर-उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दी। बोनस की घोषणा से 30 लाख से ज्यादा अराजपत्रित कर्मचारी लाभान्वित होंगे और कुल वित्तीय व्यय 3,737 करोड़ रुपये होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे, डाक, रक्षा, ईपीएफओ, ईएसआईसी जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को वर्ष 2019-2020 के लिए उत्पादकता लिंक्ड बोनस (पीएलबी) का भुगतान करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

बता दें कि गैर-पीएलबी या तदर्थ बोनस गैर-राजपत्रित केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाता है। 13.70 लाख कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे और 946 करोड़ उसी के लिए वित्तीय निहितार्थ होंगे। बोनस की घोषणा से कुल 30.67 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे और कुल वित्तीय निहितार्थ 3,737 करोड़ रुपये होगा। गैर राजपत्रित कर्मचारियों को पूर्ववर्ती वर्ष में उनके प्रदर्शन के लिए बोनस का भुगतान आमतौर पर दुर्गा पूजा/दशहरा के मौसम से पहले किया जाता है।

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