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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019-2020 के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस और गैर-उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दी। बोनस की घोषणा से 30 लाख से ज्यादा अराजपत्रित कर्मचारी लाभान्वित होंगे और कुल वित्तीय व्यय 3,737 करोड़ रुपये होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे, डाक, रक्षा, ईपीएफओ, ईएसआईसी जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को वर्ष 2019-2020 के लिए उत्पादकता लिंक्ड बोनस (पीएलबी) का भुगतान करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

बता दें कि गैर-पीएलबी या तदर्थ बोनस गैर-राजपत्रित केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाता है। 13.70 लाख कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे और 946 करोड़ उसी के लिए वित्तीय निहितार्थ होंगे। बोनस की घोषणा से कुल 30.67 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे और कुल वित्तीय निहितार्थ 3,737 करोड़ रुपये होगा। गैर राजपत्रित कर्मचारियों को पूर्ववर्ती वर्ष में उनके प्रदर्शन के लिए बोनस का भुगतान आमतौर पर दुर्गा पूजा/दशहरा के मौसम से पहले किया जाता है।

सरकार गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को तुरंत वितरित किए जाने के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) और तदर्थ बोनस की घोषणा कर रही है।

इसके  अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम,1989 को केंद्र शासित प्रदेश में लागू करने की मंजूरी दे दी। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इससे देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के तीनों स्तरों को स्थापित करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद भारत के अनेक जन कल्याण के कानून वहां लागू होना शुरु हो गए हैं। पिछले सप्ताह ही त्रिस्तरीय पंचायत समिति का जो कानून पूरे देश मे है, वह जम्मू कश्मीर में भी लागू हो गया। यही तो कश्मीर पर अन्याय था. जन कल्याण के अनेक कानून भारत में होकर भी लागू नहीं होते थे। आज उस निर्णय पर मुहर लगी और अब जिला विकास परिषद के सीधे चुनाव होकर जन प्रतिनिधियों के हाथ में सत्ता आएगी।''

उन्होंने कहा कि लोग अब चुनाव से अपने प्रतिनिधि चुन सकेंगे। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने यह वादा किया था कि त्रिस्तरीय पंचायत समिति की रचना जम्मू-कश्मीर में लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह आज के निर्णय से पूरी हो गई है।''उन्होंने कहा, ‘‘इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत होगी. लोगों के हाथ में सत्ता आएगी। कश्मीर का एक दुख था कि सत्ता लोगों के पास नहीं ‘चंद लोगों' के पास थी. अब वह आम जनता के पास आ गई है। यह बहुत बड़ा बदलाव है।'' जावड़ेकर ने उम्मीद जताई कि जम्मू और कश्मीर के लोग इस बदलाव का स्वागत करेंगे।

 

 

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