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नई दिल्ली: मंगलवार को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (6.75 फीसदी) में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे फिलहाल आपके होम लोन की मासिक किश्तों में कमी आने की संभावना नहीं है। साथ ही रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया है, यह अभी चार फीसदी है। आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में धीरे-धीरे मजबूत विकास दर का पूर्वानुमान जताया और कहा कि यदि राजकोषीय पक्ष अनुकूल रहे तो मौद्रिक नीति नरम बनी रहेगी। अगामी वित्त वर्ष में आरबीआई ने मुद्रास्फीति करीब पांच फीसदी रहने की उम्मीद जताई। आरबीआई को चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर रहने का अनुमान जो इससे कम भी हो सकती है, मुश्किलों के बावजूद 2016-17 में वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहेगी।

मुंबई: अगर आप अपनी मीठी चॉकलेट खा कर उब गए हैं, तो मसालेदार करारी चॉकलेट के लिये तैयार हो जाइये। भारतीय मसाला बोर्ड ने 'फ्लैवरिट' नाम की एक पहल की है। इसके तहत अब चॉकलेट और कॉस्मेटिक्स दोनों में मसालों का उपयोग किया जाएगा। भारतीय मसाला बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. ए जयतिलक के मुताबिक, 'आज-कल लोग तरह-तरह के मसालों वाले उत्पाद उपयोग कर रहे हैं जैसे मसालों वाली चॉकलेट, मसाले वाली चाय और तो और कॉस्मेटिक्स भी; जैसे मसाले वाली क्रीम, शैम्पू, फेसवॉश आदि।' मसाला बोर्ड ने इसके लिए 'फ्लैवरिट' नामक एक पहल की है जिसमें खानपान के शौकीनों के लिए मसाले वाली चॉकलेट और सौंदर्य के प्रति सजग रहने वालों के लिए मसाले वाले कॉस्मेटिक्स की रेंज पेश की गई है।

नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कीमतों में कमी के कारण सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने विमान ईंधन (एटीएफ) का मूल्य 12 प्रतिशत कम कर दिया है। वहीं बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 82.50 रुपये प्रति सिलेंडर की कमी की गई। बिना सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 575 रुपये हो गई है, जो पहले 657.50 रुपये प्रति सिलेंडर थी। साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर का कोटा खत्म होने के बाद लोगों को बाजार दर पर रसोई गैस सिलेंडर लेना होता है। तेल कंपनियों ने बताया है कि दिल्ली में अब एटीएफ की कीमत 4,765.5 रुपये प्रति किलोलीटर या 11.9 प्रतिशत घटकर 35,126.82 रुपये प्रति किलोलीटर पर आ गई।

औरंगाबाद (महाराष्ट्र): केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने रविवार को कहा कि उपभोक्ता संरक्षण कानून को सरल बनाने के मकसद से इसमें बड़े बदलाव के प्रस्ताव किये गये हैं। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘1986 के उपभोक्ता संरक्षण कानून में कई खामियां थी और ई-वाणिज्य के दौर में वह व्यवहारिक नहीं रह गया था। इसीलिए इसमें बड़े पैमाने पर बदलाव की आवश्यकता थी।’’ उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक स्थायी समिति के पास है और जल्दी ही इसे मंजूरी मिल जाएगी क्योंकि प्रस्तावित संशोधन में कुछ भी विवादास्पद नहीं है।

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