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नई दिल्ली: शेयर बाजार में आई हाल की तेज गिरावट को वैश्विक कारकों से जोड़ते हुए वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और निवेशकों को निवेश करते समय भारतीय अर्थव्यवस्था की निहित शक्ति को ध्यान में रखना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक नरमी जरूर है पर सरकार आर्थिक वृद्धि में सहायक नीतियां जारी रखेगी। गौरतलब है कि बंबई शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स गुरुवार को 807.7 अंक गिर गया था। आज यह बाजार बंद होने से पहले करीब 100 अंक ऊपर चल रहा था। जेटली ने कहा, ‘इस समय प्रतिक्रिया में निवेश करते समय भारतीय बाजार की अंतर्निहित शक्ति को ध्यान में रखना समझदारी होगी।’ उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए वैश्विक घटनाओं को लेकर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाना ठीक नहीं होगा। ताजा गिरावट के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि बड़े वैश्विक बाजारों में भारी बिक्री का जो सिलसिला शुरू हुआ उसका भारत पर भी असर पड़ा। उन्होंने कहा, ‘इसके कई कारण हो सकते है जो भारत से बाहर के हैं।’

नई दिल्ली: विदेशों में तेजी के रुख और शादी विवाह वालों की मांग को पूरा करने के लिए आभूषण निर्माताओं की लिवाली के चलते सोने के भाव एक बार फिर चढ़ गए हैं। दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने के भाव 215 रुपये की तेजी के साथ 28,800 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गए। सोना इस समय 18 महीने के उच्चस्तर पर आ गया है और इस साल सोने की कीमतों में यह सबसे लम्बी लगातार वृद्धि है। डॉलर की तुलना में रुपये के कमजोर होने के कारण भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। वहीं मौजूदा उच्चस्तर पर बिकवाली के चलते चांदी 130 रुपये टूटकर 37,100 रुपये प्रति किलो पर आ गई। बाजार सूत्रों के अनुसार वैश्विक बाजारों में सोना आठ माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

नई दिल्ली: सरकार अगले एक-दो दिन में लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर में संशोधन कर सकती है, ताकि उन्हें बाजार दर के अनुरूप किया जा सके। हालांकि, बालिकाओं और वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी योजनाओं पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज (गुरुवार) यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फैसला कर लिया गया है और दो-एक दिन में कार्यकारी आदेश तथा अधिसूचना जारी की जाएगी। मोटे तौर पर छोटी बचत योजनाओं की दर में बदलाव लाना इनकी दरों को बाजार दरों के अनुरूप बनाना है। जितना संभव हो सके इन्हें बाजार के अनुरूप बनाना है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें सरकारी प्रतिभूतियों से जुड़ी होती हैं और सालाना आधार पर इनका समायोजन किया जाता है।

मुंबई: दिसंबर में खत्म हुई साल की तीसरी तिमाही के दौरान अधिकतर सरकारी बैंकों द्वारा खराब प्रदर्शन करने के परिणामस्वरूप शेयर बाज़ारों में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गई, और बीएसई सेंसेक्स औंधे मुंह गिरते हुए 807 से भी ज़्यादा अंक लुढ़क गया, तथा निफ्टी भी मई, 2014 के बाद पहली बार 7,000 अंक से नीचे बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में गुरुवार को जोरदार गिरावट दर्ज की गई, और उसके संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में कारोबार के दौरान 849.34 अंक की गिरावट आई, हालांकि 30-शेयरों पर आधारित सूचकांक आखिरकार 807.07 अंक (या 3.40 फीसदी) की गिरावट के साथ 22,951.83 पर बंद हुआ। वैसे, कारोबार के दौरान सूचकांक ने 23,758.46 दिन का उच्चतम स्तर छुआ, जबकि दिन का निम्नतम स्तर 22,909.12 रहा। उधर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के संवेदी सूचकांक निफ्टी में भी गुरुवार को कारोबार के दौरान 248.70 अंक की गिरावट आई। 50-शेयरों पर आधारित निफ्टी दिन के अंत में 239.35 अंक (या 3.33 फीसदी) की गिरावट के साथ 6,976.35 पर बंद हुआ।

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