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वाशिंगटन: फेसबुक बोर्ड के सदस्य मार्क एंड्रेसन को हाल ही में किए गए अपने एक ट्वीट के चलते अच्छी खासी नाराजगी का सामना करना पड़ा। उनके द्वारा किए गए ट्वीट से ऐसा लगा रहा था जैसे कि वह भारत को उपनिवेशवाद स्वीकार लेने की सलाह दे रहे हों। बाद में उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया। जाने माने पूंजीपित मार्क भारत के फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग द्वारा जोर शोर से चलाए जा रहे फ्री बेसिक्स इंटरनेट स्कीम को स्वीकार न करने के फैसले के बाद यह प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया था- दशकों तक गैर उपनिवेशवाद के चलते भारतीय लोगों को आर्थिक रूप से काफी क्षति हुई। अब रोकने की क्या जरूरत? उनके इस ट्वीट के बाद खूब हंगामा हो गया।

भले ही मार्क ने बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया लेकिन इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट अब भी ट्विटर पर रीट्वीट व शेयर किए जा रहे हैं। इसके बाद मार्क ने एक प्रकार से माफी भी मांगने की पेशकश की। यहां बता दें कि सोमवार को फेसबुक के 'फ्री इंटरनेट' अभियान को तगड़ा झटका देते हुए टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने भारत में इंटरनेट डाटा के लिए अलग-अलग चार्ज को नामंजूर कर दिया था। इसका मतलब यह हुआ कि इंटरनेट पर सभी तरह की सामग्री एक समान मूल्य पर उपलब्ध होगी। ट्राई के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, इस नियम का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 50,000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। ये फेसबुक और उन कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है जो सस्ती या मुफ्त सेवा के नाम पर तरह-तरह की स्कीम लाने की कोशिश में हैं।

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