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अहमदाबाद: गुजरात में जौहरियों की हड़ताल अब 30 दिन पुरानी हो गई है। इतने दिनों तक जौहरियों की दुकानें पहले कभी भी बंद नहीं रहीं। जौहरी दुकानें छोड़कर रोज सड़कों पर कभी मौन रैली तो कभी बाइक रैली समेत अलग-अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। विरोध हो रहा है सोने-चांदी के गहनों पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी का। सरकार से बातचीत हुई है, लेकिन नतीजा नहीं निकल रहा। सरकार कुछ प्रावधानों पर सुधार के लिए तैयार है, लेकिन एक्साइज़ ड्यूटी वापस लेने को तैयार नहीं। एक हाइपावर कमेटी बनाई गई है जोकि 60 दिनों में रिपोर्ट देगी, लेकिन जौहरी इससे संतुष्ट नहीं हैं। लिहाजा, उनकी हड़ताल जारी है। महत्वपूर्ण है कि इस हड़ताल से रोज़ाना हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार, देश में रोजाना पांच से 6,000 करोड़ रुपये का सोने का कारोबार होता है। अब तक देशभर में व्यापार के नुकसान का आंकड़ा एक लाख करोड़ को पार कर गया है, लेकिन समाधान का रास्ता नजर नहीं आ रहा है।

नई दिल्ली: शराब उद्यमी विजय माल्या और उनके समूह की बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइन्स लि. ने बैंकों का बकाया धन चुकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आज  (बुधवार) सीलबंद लिफाफे में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसमें कहा गया है कि वे स्टेट बैंक और अन्य बैंकों के सिंडिकेट द्वारा दिये गये 6,903 करोड़ रुपए के ऋण में से 4000 करोड़ रुपए सितंबर तक लौटाने को तैयार हैं। न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने बैंकों को उनके इस प्रस्ताव पर अपनी बात रखने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी। किंगफिशर और माल्या की ओर से खड़े हुए वकील सी एस बैद्यनाथन ने पीठ की कार्रवाई शुरू होते ही बताया कि उन्होंने बैंकों की टोली को एक प्रस्ताव दिया है कि इस समय जो परिस्थितियां हैं उसमें क्या किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव की प्रतियां बैंकों को दे दी गयी है। बैंकों के कंसोर्टियम की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि वह पहले इस प्रस्ताव को पढ़ना चाहेंगे उसके बाद ही इसका जवाब दिया जा सकता है।

नई दिल्ली: विजय माल्या जैसे बड़े पूंजीपतियों द्वारा बैंकों का कर्ज नहीं चुकाये जाने को लेकर बढ़ती चिंता के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कंपनियों से बैंकों के बकाये की वसूली के लिये सरकार और रिजर्व बैंक ‘कड़े कदम’ उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यहां ब्लूमबर्ग भारत आर्थिक मंच की बैठक को संबोधित करते हुये कहा, ‘अब केवल ऐसी कंपनियों की रेटिंग कम हो रही है जो बड़े आकार की हैं और जिन पर कर्ज का बड़ा बोझ है। सरकार और रिजर्व बैंक इस मामले में कड़े कदम उठा रहे हैं। ऐसा लगता है कि शायद इस वर्ग से उठने वाली आवाज ने मीडिया की सोच को प्रभावित किया है।’ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) पिछले साल मार्च में 2,67,065 करोड़ रपये से बढ़कर दिसंबर में 3,61,731 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस लिहाज से चालू वित्त वर्ष के नौ माह में एनपीए में 94,666 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। पिछले साल मार्च में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए जहां 5.43 प्रतिशत था वहीं यह दिसंबर तक बढ़कर 7.30 प्रतिशत पर पहुंच गया।

नई दिल्ली: रिलायंस औद्योगिक साम्राज्य के बंटवारे के बाद अंबानी बंधुओं मुकेश और अनिल अंबानी के बीच में कड़वाहट पैदा हुई थी वह, सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार वितरण समारोह में गायब थी। समारोह में उनके पिता धीरूभाई अंबानी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा मरणोपरांत प्रतिष्ठित पद्म विभूषण अलंकरण से सम्मानित किया और इस मौके पर दोनों भाई एक दूसरे से बड़े प्रेम से मिलते दिखे। मुकेश और अनिल समारोह में अपनी मां कोकिलाबेन के साथ आए थे। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में एक घंटे के समारोह में मुकेश और अनिल तथा उनकी पत्नियां नीता और टीना साथ-साथ बैठे थे। वे बीच-बीच में एक दूसरे से बातचीत भी कर रहे थे। समारोह शुरू होने से पहले अनिल केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के साथ मुकेश की सीट के पास आए और दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश ज्यादातर समय अपनी सीट पर रहे। उनके साथ नीता और टीना बैठी थीं। वहीं रिलायंस एडीए समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी कई केंद्रीय मंत्रियों तथा कुछ अन्य गणमान्य लोगों को अपनी मां से मिलाने लाते रहे।

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