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बीजिंग: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए आगाह किया है कि देश में कंपनियों और बैंकों की बैलेंश-शीट की कमजोरी, आर्थिक सुधारों की धीमी पड़ती गति और मंद निर्यात से पैदा चुनौतियां उसकी आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। आईएमएफ ने हाल ही में जारी अनुमान में कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रहेगी। इस वैश्विक संस्था का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत सुधर रही है और इसमें कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, सकारात्मक नीतिगत निर्णयों और बेहतर आत्मविश्वास ने काफी मदद मिली है। अंतरराष्ट्रीय संस्थान ने यह बात वैश्विक आर्थिक संभावनाओं और चुनौतियों के बारे में अपने दस्तावेज 'नोट ऑन ग्लोबल प्रॉस्पेक्टस एंड पॉलिसी चैलेंज' दस्तावेज में कही है। यह दस्तावेज यहां होने वाली जी20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों की यहां चल रही दो दिवसीय बैठक के लिए तैयार किया गया है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन रखने वालों को 30 सितंबर के बाद जेल सहित अन्य कड़ी कार्रवाई के प्रति आगाह करते हुए शनिवार को कहा कि अघोषित संपत्ति रखने वाले 'पाक साफ' हों, ताकि वे चैन की नींद सो सकें। उन्होंने कहा कि अघोषित संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा आभूषण और रीयल एस्टेट क्षेत्र में लगा हुआ है। पीएम मोदी ने नई दिल्ली में जौहरियों के एक कार्य्रकम में यह बात कही। यह कार्य्रकम उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था। पीएम मोदी ने कहा कि वे जानते हैं कि लोग धन से भरे 'थैले' लेकर जौहरियों के पास जाते हैं और उन तक यह संदेश पहुंचना चाहिए कि वे सरकार की एकबारगी अनुपालन खिड़की का इस्तेमाल कर 'पाक साफ' साबित हों। उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी के चलते पहले भी लोग जेल गए हैं। सरकार को 30 सितंबर के बाद वही कदम उठाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, '...और उस पाप को करना नहीं चाहता हूं, जो 30 सितंबर के बाद मुझे करना पड़ेगा।' आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत कालाधन रखने वाले अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा 30 सितंबर तक कर ‘पाक साफ’ हो सकते हैं। इसके लिए उन्हें 45 प्रतिशत कर व जुर्माना चुकाना होगा।

वॉशिंगटन: अमेरिकी कंपनियां भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का अगला ‘पड़ाव’ मानती हैं और वे वहां बुनियादी ढांचा तथा परिवहन क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश करने की इच्छुक हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘अमेरिकी कंपनियों और निवेशकों में भारत में निवेश करने को लेकर काफी उत्साह है। इसके नतीजे जल्द दिखने लगेंगे।’ गडकरी की एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा इसके साथ संपन्न हो गई है। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान गडकरी वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, सेंट लुइस, सान फ्रांसिस्को तथा लॉस एंजिल्स गए। गडकरी ने इस बात को स्वीकार किया कि देश का बुनियादी ढांचा क्षेत्र पीछे है और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों तक पहुंचने के लिए इसे अभी लंबा रास्ता तय करना है। उन्होंने कहा कि देश के परिवहन ढांचे के आधुनिकीकरण तथा उन्नयन से वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बिना अड़चन तथा सुगम तरीके से एफडीआई लाने के लिए कई कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में उनकी जो बातचीत हुई है उससे उन्हें पूरा भरोसा है कि देश में अरबों डॉलर का निवेश आएगा। गडकरी ने कहा कि देश में सड़क नेटवर्क के निर्माण, महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना तथा वाहनों में हरित और स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन से देश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश भर में सस्ती परियोजनाओं को बढ़ावा देते हुये राज्यों से गरीबों के लिये आवास पंजीकरण स्टांप शुल्क घटाने के लिए पत्र लिखा है। शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, ‘मैं अभी-अभी सभी मुख्यमंत्रियों को स्टांप शुल्क कम करने की जरूरत के संबंध में पत्र लिखा है। स्टांप शुल्क का उपयोग मूल तौर पर पंजीकरण रजिस्टर के रखरखाव के लिए किया जाता था, अब यह राजस्व का स्रोत बन गया है। कम कीमत वाले घर खरीदने वाले लोगों के लिए यह शुल्क बोझ होगा।’ सरकार ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत 26 राज्यों के 2,508 शहरों का चुनाव किया है जहां शहरी गरीबों को सस्ते घर मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में 10 प्रतिशत तक स्टांप शुल्क की व्यवस्था से घर खरीदने वालों पर पंजीकरण शुल्क बढ़ जाएगा। नायडू ने आज यहां ऐसोचैम के ‘सभी के घरों के लिए वित्त’ पर आयोजित समारोह में कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्रियों को इस सबका ब्योरा दिया है और लिखा है। उनमें से कुछ इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए और कदम उठाएं।

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