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नई दिल्ली: पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार का मानना है कि लगभग 40 लाख टन के अनुमानित आपूर्ति अंतर के चलते चीनी कीमतों पर दबाव आगामी विपणन वर्ष में भी बना रहेगा। चीनी विपणन सत्र अक्तूबर में शुरू होता है। पवार यहां शुगर टेक्नोलाजिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसटीएआई) के 74वें सालाना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। एनसीपी प्रमुख पवार ने उद्योग से सरकार की तरफ से किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा जिसमें घरेलू आपूर्ति बढ़ाने व कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कच्ची चीनी का संभावित आयात शामिल है। पवार ने कहा कि चीनी के भाव इस समय 34-38 रूपये प्रति किलो के दायरे में हैं और आपूर्ति मांग में संभावित अंतर के कारण वे दबाव में आ सकते हैं। सरकार का अनुमान है कि चीनी का उत्पादन 2016-17 विपणन वर्ष में घटकर 2.3-2.35 करोड़ टन रहेगा।

नई दिल्ली: भारत ने अमेरिकी रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र की कंपनी बोइंग के साथ लंबी दूरी तक समुद्री निगरानी करने में सक्षम और पनडुब्बी रोधी युद्धक चार अतिरिक्त विमान 'पोसाइडन-8I' की खरीद के लिए एक अरब डॉलर से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए। रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अनुबंध भारत द्वारा कंपनी से 2.1 अरब डॉलर की लागत से पहले ही खरीदे गए आठ पी-8I विमान के अतिरिक्त है। उन्होंने बताया कि अनुबंध पर हस्ताक्षर खरीद मामलों पर अमेरिका के अवर रक्षा सचिव फ्रैंक केंडल की यात्रा के दौरान किया गया और इसे बढ़ते भारत-अमेरिकी रक्षा संबंधों के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले साल विदेश सैन्य बिक्री मार्ग के जरिये तीन अरब डॉलर की लागत से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था। इस नए सौदे के साथ पिछले एक दशक में अमेरिका के साथ हस्ताक्षरित रक्षा सौदों का कुल मूल्य तकरीबन 15 अरब डॉलर बैठता है। सूत्रों ने बताया कि भारत अमेरिका से 145 एम 777 हल्के हॉवित्जर हासिल करने के सौदे पर भी काम कर रहा है। अतिरिक्त 'पी-8I' खरीदने से भारतीय नौसेना को बल मिलेगा, क्योंकि देश अपनी नौसैनिक निगरानी क्षमता का निर्माण कर रहा है। खतरनाक हारपून मिसाइल, हल्के टॉरपीडो, रॉकेट समेत अन्य से लैस नौसेना पी-8i का इस्तेमाल हिंद महासागर की कठोर निगरानी करने में कर रहा है। हिंद महासागर में कई चीनी पनडुब्बी हैं।

मुंबई: विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) नियमों के उल्लंघन और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) नियमों के अनुपालन में ढिलाई पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 13 बैंकों पर 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और एचडीएफसी बैंक भी शामिल हैं। इसके अलावा एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक सहित आठ अन्य को इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से मिली जानकारी के आधार पर रिजर्व बैंक ने अक्तूबर-नवंबर, 2015 में 21 बैंकों में अग्रिम आयात प्रेषण (धन बाहर भेजने) की जांच की थी। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) नियमों में नियामकीय निर्देशों-दिशानिर्देशों के उल्लंघन में 13 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा पर 5 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक पर 3 करोड़, सिंडिकेट बैंक पर 3 करोड़, यूको बैंक पर 2 करोड़, एचडीएफसी बैंक पर 2 करोड़, इलाहाबाद बैंक पर 2 करोड़, केनरा बैंक पर 2 करोड़, इंडसइंड बैंक पर 2 करोड़, बैंक आफ इंडिया पर एक करोड़, कॉर्पोरेशन बैंक पर एक करोड़, आरबीएल बैंक पर एक करोड़ तथा एसबीएम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

नई दिल्ली: कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े मामालें की सुनवाई कर रही दिल्ली की विशेष अदालत ने छत्तीसगढ़ में केसला उत्तरी कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितता को लेकर राठी स्टील एंड पावर लि. के तीन अधिकारियों को बुधवार को अलग-अलग अवधि की कैद की सजाएं सुनाई जिनमें सबसे बड़ी सजा तीन साल की है। इन सभी को मामले में कल दोषी ठहराया गया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने आरएसपीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उदित राठी तथा प्रबंध निदेशक प्रदीप राठी को तीन-तीन साल की जेल तथा सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) कुशल अग्रवाल को दो साल की जेल की सजा सुनायी। तीनों को कल दोषी ठहराये जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत ने आरएसपीएल तथा उसके सीईओ पर 50-50 लाख रुपये तथा प्रबंध निदेशक पर 25 लाख रपये तथा एजीएम पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरएसपीएल तथा उसके तीन अधिकारियों को कल मामले में दोषी ठहराया गया था। अदालत ने माना कि उन्होंने यहां तक कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समक्ष गलत जानकारी देकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की। सिंह के पास उस समय कोयला मंत्रालय का कार्यभार भी था। अदालत ने कहा कि उन्होंने कोयला ब्लाक हासिल करने के लिये साजिश रची और गलत सूचना दी तथा राष्ट्रीयकृत प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग किया।

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