मुंबई: विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) नियमों के उल्लंघन और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) नियमों के अनुपालन में ढिलाई पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 13 बैंकों पर 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और एचडीएफसी बैंक भी शामिल हैं। इसके अलावा एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक सहित आठ अन्य को इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक से मिली जानकारी के आधार पर रिजर्व बैंक ने अक्तूबर-नवंबर, 2015 में 21 बैंकों में अग्रिम आयात प्रेषण (धन बाहर भेजने) की जांच की थी। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) नियमों में नियामकीय निर्देशों-दिशानिर्देशों के उल्लंघन में 13 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा पर 5 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक पर 3 करोड़, सिंडिकेट बैंक पर 3 करोड़, यूको बैंक पर 2 करोड़, एचडीएफसी बैंक पर 2 करोड़, इलाहाबाद बैंक पर 2 करोड़, केनरा बैंक पर 2 करोड़, इंडसइंड बैंक पर 2 करोड़, बैंक आफ इंडिया पर एक करोड़, कॉर्पोरेशन बैंक पर एक करोड़, आरबीएल बैंक पर एक करोड़ तथा एसबीएम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि इनके अलावा आठ अन्य बैंकों- एक्सिस बैंक, फेडरल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ओबीसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, एसबीआई तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को सलाह दी गई है कि वे केवाईसी जरूरत और फेमा प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन करें और उचित उपाय स्थापित करते हुए समय-समय पर इनकी समीक्षा करें। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई नियामकीय अनुपालन में खामियों के लिए की गई है और इसकी मंशा बैंक और ग्राहक के बीच हुए किसी लेनदेन की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है। इन 21 बैंकों में खातों को खोलने और उनकी निगरानी में कथित अनियमितताओं के अलावा फेमा प्रावधानों के उल्लंघन की जांच की गई। रिजर्व बैंक ने केवाईसी नियमाों-एएमएल मानदंडों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया और प्रणाली की भी जांच की। जांच के बाद केंद्रीय बैंक ने इन 21 बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।