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संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्‍ली: लोकसभा ने राज्यसभा से पांच संशोधनों के साथ लौटाये गये वित्त विधेयक-2017 पर गुरुवार को फिर से चर्चा करते हुये उन संशोधनों को खारिज कर विधेयक को पुन: पारित किया। इसके साथ ही 2017-18 के आम बजट को संसद में पारित कराने की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। राज्यसभा में विपक्ष ने लोकसभा से पहले पारित होकर आए वित्त विधेयक में बहुमत के आधार पर जो संशोधन कराए उनमें आयकर विभाग के अपेक्षाकृत कम दर्जे के अधिकारियों को बड़ा अधिकार दिए जाने के प्रस्ताव में बदलाव और कंपनियों द्वारा राजनीतिक दलों को दिये जाने वाले चंदे पर सीमा लगाने संबंधी प्रावधान जैसे कुछ विषयों से संबंधित थे। लोकसभा ने इन पर पुनर्विचार करते हुये पांचों संशोधनों को खारिज कर दिया। इसके साथ ही वर्ष 2017-18 के बजट को संसद की मंजूरी मिल गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त विधेयक पर लोकसभा में पुन: हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि राज्यसभा में किये गये संशोधनों को सरकार स्वीकार नहीं कर सकती। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस और बीजू जनता दल सहित विभिन्न राजनीतिक दलों से चुनावी चंदे को अधिक पारदर्शी और साफ-सुथरा रखने के बारे में सुझाव मांगे हैं। वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने राज्यसभा के संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। इसके साथ ही वित्त विधेयक 2017 को सदन की मंजूरी मिल गई और आम बजट पारित होने की प्रक्रिया पूरी हो गई।

जेटली ने कहा कि इस समय राजनीतिक दलों को जितना भी चंदा मिलता है वह सब अघोषित धन होता है और उसके कहीं कोई पादर्शिता नहीं होती है। उन्होंने इस बारे में मूल बजट प्रस्तावों का बचाव करते हुये कहा कि इसमें जो संशोधन किये गये हैं उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि उससे राजनीतिक दलों को अनुदान देने वालों की संख्या सीमित रह जायेगी।

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