नई दिल्ली: जीएसटी परिषद ने शनिवार को छोटे ढाबों और रेस्तरां पर 5 प्रतिशत की दर से कर लगाने का फैसला किया और प्रस्तावित नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लिए दो महत्वपूर्ण सहायक विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी। सरकार ने एक जुलाई से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। राजधानी में हुई अधिकार संपन्न जीएसटी परिषद की बैठक में केंद्रीय जीएसटी (सी-जीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आई-जीएसटी) के मसौदे को मंजूरी दी गयी। परिषद की अगली बैठक 16 मार्च को होगी जिसमें राज्य जीएसटी तथा केंद्र शासित जीएसटी (यूटी-जीएसटी) संबंधी विधेयकों के मसौदों को अंतिम रूप दिया जाना है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सी-जीएसटी और आई-जीएसटी संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में मंजूरी के लिए रखे जाएंगे। दूसरा चरण गुरुवार 9 मार्च से शुरू हो रहा है। सी-जीएसटी केंद्र को उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर के जीएसटी में समाहित होने के बाद वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी लगाने का अधिकार देगा। वहीं आई-जीएसटी अंतर-राज्यीय बिक्री पर लागू होगा। राज्य जीएसटी विधेयक को प्रत्येक राज्य की विधानसभा में पारित कराना होगा। वहीं यूटी-जीएसटी मंजूरी के लिये संसद में रखा जाएगा।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि मॉडल जीएसटी कानून में वस्तु एवं सेवा कर की शिखर दर को 40 प्रतिशत तक (20 प्रतिशत केंद्र और उतना ही राज्यों द्वारा) किये जाने की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन जीएसटी की प्रभावी दरों को पूर्व में मंजूर 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर ही रखा जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी की दरें वही रखी जाएंगी जिन्हें परिषद ने तय कर रखा है। उन्होंने कहा कि कानून में शिखर दर को इसलिए उंचा रखने का विचार है ताकि जरूरत पड़ने पर किन्हीं वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर बढ़ाने के लिये संसद में जाने की जरूरत नहीं हो। वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने की समय सीमा संभव लगती है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि गाड़ी पटरी पर है। उम्मीद है कि ये विधेयक इसी सत्र में संसद के सामने रख दिये जाएंगे। संसद की मंजूरी मिलने के बाद लगता है कि इस साल एक जुलाई से जीएसटी लागू किया जा सकता है।’ बैठक में ढाबों और छोटे रेस्तरां पर एक पैकेज समाधान योजना के तहत पांच प्रतिशत कर लगाने पर सहमति बनी जिसमें 2.5 प्रतिशत केंद्र और 2.5 प्रतिशत राज्यों के हिस्से में जाएगा। इसके अंतर्गत सालाना 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयां ही आएंगी। जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद की 12वीं बैठक 16 मार्च को होगी जिसमें एसजीएसटी और यूटीजीएसटी विधेयकों को मंजूरी दी जाएगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जीएसटी परिषद ने फैसला किया है कि 50 लाख रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले रेस्तरां को इस योजना में रखा जाएगा और उनपर 5 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा। इससे अधिक कारोबार करने वाले रेस्तरां पर सेवा कर की सामान्य दर लगेंगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने अपनी पहली बैठक में 50 लाख रुपये तक का ट्रेडिंग करने वाली और विनिर्माण इकाइयों को भी निपटान योजना में रखे जाने का फैसला किया था। इसमें कर देनदारी की गणना का आसान तरीका अपनाने और न्यूनतम सीमा से नीचे कारोबार करने वाली इकाइयों को जीएसटी में पंजीकरण कराने की छूट का प्रावधान करना है।