नई दिल्ली: नयी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने अपनी सबसे महंगी संपत्तियों में से एक ताज मानसिंह होटल की नीलामी करने का आज फैसला लिया। नगर निगम ने ली मेरीडियन होटल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जिस पर निगम के 523 करोड़ रूपये बकाया है। होटल की नीलामी के फैसले से एनडीएमसी और टाटा समूह के बीच बीते छह वर्षों से जारी विवाद भी खत्म हो गया। इस होटल का संचालन बीते चार दशकों से टाटा समूह ही कर रहा था। नीलामी को केंद्र ने दो साल पहले ही मंजूरी दे दी थी लेकिन टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएससीएल) के साथ कानूनी लड़ाई चलने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। टाटा समूह मानसिंह मार्ग पर स्थित इस प्रसिद्ध होटल का संचालन वर्ष 1978 से करता आ रहा है। ली मेरीडियन और ताज के बारे में काफी समय से लंबित इन फैसलों की घोषणा आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनडीएमसी की परिषद की विशेष बैठक के बाद की। परिषद में यह भी तय हुआ की टाटा को पहले इनकार का अधिकार नहीं दिया जाएगा जिसका अर्थ यह है कि उन्हें भी अन्य बोली लगाने वालों की तरह प्रक्रिया में शामिल होना पड़ेगा। निगम ने यह नहीं बताया है कि नीलामी कब होगी। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘एनडीएमसी की आज की बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।’
आईएससीएल की ताज होटल की 33 वर्षों की लीज वर्ष 2011 में खत्म हो गई थी। जिसके बाद कंपनी को विभिन्न आधारों पर नौ बार अस्थायी विस्तार दिया गया।