इस्लामाबाद:अमेरिका ने नया कानून बनाकर उसकी सीमा के भीतर आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने या उन्हें उकसाने पर अन्य देशों के खिलाफ मुकदमा करने का अधिकार अपने नागरिकों को दिया है, जिसे लेकर पाकिस्तान ने आज चिंता जतायी। अमेरिकी संसद ने 28 सितंबर को ऐतिहासिक मतदान करते हुए जस्टिस अगेंस्ट स्पांसर्स ऑफ टेररिज्म एक्ट (जास्टा) पर राष्ट्रपति बराक ओबामा के वीटो को पलटा और अधिनियम को पारित कर दिया। इसे अनौपचारिक तौर पर 9/11 कानून के रूप में जाना जाता और इसे प्राथमिक रूप से सउदी अरब के नागरिकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। गौरतलब है कि 9/11 आतंकी हमले में ज्यादातर हमलावर सउदी नागरिक थे। ओबामा प्रशासन ने तब दलील दी थी कि इस कानून से सम्प्रभु छूट के सिद्धांत पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अनंत मुकदमों का रास्ता खोल देगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम चिंता के साथ यह महसूस कर रहे हैं कि जास्टा पर अमेरिकी राष्ट्रपति के वीटो को पलटकर, अमेरिकी संसद द्वारा बनाया गया कानून कई सम्प्रभु देशों को निशाना बनाता है। यूरोप और पश्चिम एशिया के कई देशों ने भी जास्टा पर ऐसी ही चिंता जतायी है।' उसने कहा, अपनी सीमा से बाहर लागू होने वाले घरेलू कानून को स्वीकार किए जाने पर पाकिस्तान ने नाराजगी जतायी है। पाकिस्तान और सउदी अरब के बीच समान भूराजनीतिक हितों के कारण ऐतिहासिक रूप से गहरे संबंध रहे हैं।
पाकिस्तान से निर्वासित लोगों की बड़ी संख्या सउदी अरब में शरण लिए हुए है।