नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच पिछले आठ महीनों से ज्यादा वक्त से युद्ध जारी है। दोनों ही ओर से हमलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। रूस ने क्रीमिया पर ड्रोन हमले को लेकर ब्रिटेन के 'शामिल' होने का आरोप लगाया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि ब्रिटेन के विशेषज्ञों के 'प्रशिक्षण' और 'निरीक्षण' में यूक्रेन ने हमला विफल किया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "कीव शासन ने काला सागर बेड़े के जहाजों और नागरिक जहाजों के खिलाफ आतंकवादी हमला किया है, जो सेवस्तोपोल बेस की बाहरी और भीतरी सड़कों पर थे। हमले में नौ मानव रहित एरियल व्हिकल और सात समुद्री ड्रोन शामिल थे।"
मंत्रालय ने बयान में कहा, "इस आतंकी घटना की तैयारी और 73वें मरीन स्पेशल ऑपरेशंस सेंटर के सैन्य कर्मियों के प्रशिक्षण को ब्रिटिश विशेषज्ञों की देखरेख में अंजाम दिया गया।" इस मामले में ब्रिटेन ने अभी तक आरोपों का जवाब नहीं दिया है।
रूस ने यह भी आरोप लगाया कि ब्रिटिश नौसेना के प्रतिनिधि 26 सितंबर को नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइनों को उड़ाने के लिए बाल्टिक सागर में हमले की साजिश रचने और इसकी योजना बनाने में शामिल थे।
मॉस्को के कब्जे वाले क्रीमिया के सेवस्तोपोल को हालिया महीनों में कई बार निशाना बनाया गया है। यह बेड़े के मुख्यालय और यूक्रेन में संचालन के लिए एक लॉजिस्टिक हब के रूप में काम करता है।
रूसी सेना का दावा है कि उसने बंदरगाह पर शनिवार तड़के हुए एक हमले में नौ ड्रोन और सात समुद्री ड्रोन को "नष्ट" किया है।
मॉस्को की सेना ने कहा है कि उनके क्रीमिया स्थित बेस पर जिन जहाजों को लक्ष्य बनाया गया, वो यूक्रेन को अनाज निर्यात की अनुमति देने वाली संयुक्त राष्ट्र की डील का हिस्सा थे।
रूस ने हाल ही में इस सौदे की आलोचना करते हुए कहा था कि पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण उसके अपने अनाज निर्यात को नुकसान हुआ है। वहीं यूक्रेन ने कहा कि रूस अनाज गलियारे को नुकसान पहुंचाने का बहाना बना रहा है।