इस्लामबाद: विदेश सचिव स्तर की बातचीत का भविष्य पठानकोट आतंकी हमले को लेकर इस्लामाबाद की ‘त्वरित और निर्णायक’ कार्रवाई पर निर्भर होने की बात भारत की ओर से दो टूक कहे जाने के बाद पाकिस्तान ने इस हमले की कथित तौर पर साजिश रचने वाले जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कई व्यक्तियो को हिरासत में लिया और इस संगठन के कार्यालयों को सील कर दिया। जियो टीवी के हवाले से बताया गया है कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ और कई करीबियों को हिरासत में लिया गया है।पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक कई जगहों पर जैश के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान अब तक 13 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तान ने कहा कि उसने पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर हुए हमले की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के कई आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
यही नहीं वह पठानकोट हमले की विस्तृत जांच के लिए विशेष जांच दल को भारत भेजना चाहता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि आतंकवादी संगठन के कार्यालयों का पता लगाकर उन्हें सील किया जा रहा है। बयान में यह भी कहा गया है कि सरकार हमले की आगे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल को भारत के पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर भेजना चाहती है। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की प्रस्तावित वार्ता से 48 घंटे पहले आतंकवादियों की गिरफ्तारी की खबर आई है। पठानकोट हमले के बाद दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच 15 जनवरी को इस्लामाबाद में प्रस्तावित बैठक पर संशय के बादल छाए हुए हैं। पाकिस्तान अपने एक विशेष जांच दल को पठानकोट भेजने पर भी विचार कर रहा है क्योंकि भारत के सहयोग की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए और सूचना की दरकार होगी। पाकिस्तान की ओर से यह कार्रवाई उस वक्त की गई है जब भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर के प्रस्तावित बातचीत के लिए इस्लामाबाद जाने में सिर्फ दो दिन बचे हुए हैं। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पाकिस्तान की कार्रवाई की समीक्षा की गई है। भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समग्र वार्ता की बहाली के लिए विदेश सचिव स्तरीय वार्ता होने वाली है। भारत का मानना है कि मौलाना मसूद अजहर की अगुवाई वाले जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी पठानकोट हमले में शामिल थे। इस हमले में सात भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। मसूद अजहर को कंधार विमान अपहरण के समय छोड़ा गया था। उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार अपनी धरती से आतंकवाद के खात्मे की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता तथा कहीं भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपने क्षेत्र का उपयोग करने नहीं देने के उसके राष्ट्रीय संकल्प के संदर्भ में अब तक की कार्रवाई का संतोष के साथ संज्ञान लिया गया है। उसने कहा, ‘‘पठानकोट की घटना से कथित तौर पर जुड़े आतंकवादी तत्वों के खिलाफ की जा रही जांच में काफी प्रगति हुई है।’’ गौरतलब है कि पठानकोट हमले के बाद भारत ने आतंकियों से जुड़े सबूत पाकिस्तान को सौंपे थे। इसमें उनके वायस सैंपल और उनके पहने जूते, हथियार शामिल थे। ये माना जा रहा है कि इन्हीं सबूतों के आधार पर जैश के आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि भारत के सबूतों पर पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बीते दिनों इसे लेकर उच्चस्तरीय बैठक भी की थी। उन्होंने खुद प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।