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गुवाहाटी: असम में बाढ़ के कारण 12 लोगों की मौत हो गयी है और पूरे राज्य में करीब 16 लाख लोग प्रभावित हुये हैं। राज्य विधानसभा में आज (बुधवार) यह जानकारी दी गयी। बाढ़ की स्थिति पर एक बयान जारी करते हुये मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रत्येक पीड़ित के परिवार वालों को चार-चार लाख रूपया देने की घोषणा की और बताया कि इस सप्ताह राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने विधानसभा में बताया, ‘‘बाढ़ राज्य की सबसे अधिक ज्वलंत समस्या है। हालिया बाढ़ से लगभग सभी विधानसभा क्षेत्र प्रभावित हुए हैं और यह एक गंभीर समस्या बन गयी है। इससे पूरे 19 जिलों में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 16 लाख लोग प्रभावित हुये हैं।’ विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सोनोवाल ने बताया कि सरकार स्थिति पर करीबी नजर रखे हुये है और वह मुख्यरूप से बाढ़ राहत और पुनर्वास के लिए जिम्मेदार विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ नियमित रूप से विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘राज्य के बाढ़ की समस्या से प्रभावित होने के बाद हमने यथाशीघ्र सभी डीसी (उपायुक्तों) को कोष जारी कर दिया। पूर्व में सभी डीसी ने रूपयों के कमी की शिकायत की थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।’ सोनोवाल ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपनी बातचीत की भी सूचना दी जिन्होंने कल समस्या से निपटने के लिए केन्द्र से हर संभव सहायता प्रदान करने का भरोसा दिया था।

गुवाहाटी: असम में बाढ़ की स्थिति लगातार नाजुक बनी हुई है। रविवार शाम तक 14 जिलों में छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही इस साल बाढ़ में मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ के कारण रविवार को तिनसुकिया जिले का बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया। इसके अतिरिक्त लखीमपुर, गोलाघाट, मोरीगांव, जोरहाट, धीमाजी, सिवसागर, कोकराझार, बारपेटा, बोंगैगांव, नागांव, धुबरी, डिब्रूगढ़ और चिरांग जिलों के इलाके भी पिछले कुछ दिनों से जलमग्न हैं। एएसडीएमए के एक अधिकारी ने कहा, 'रविवार तक 14 जिलों के 1206 गांवों में 641043 लोग मौजूदा बाढ़ से प्रभावित रहे। संबंधित जिला प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त जिलों में 21931 बाढ़ पीड़ितों के रहने के लिए 81 राहत शिविर स्थापित किए हैं।' एएसडीएमए के अधिकारियों ने कहा कि लखीमपुर जिले में बाढ़ के कारण रविवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके पहले शनिवार को एक मौत लखीमपुर और एक मौत मोरीगांव में बाढ़ के कारण हुई थी। इनलैंड वाटर रिसोर्सेस (आईडब्ल्यूआर) विभाग के सूत्रों ने कहा कि धाला से सादिया के बीच, नीमतीघाट से माजुली के बीच नौका सेवा निलंबित कर दी गई है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी में कई स्थानों पर जलस्तर बढ़ गया है।

गुवाहाटी: सेना और पुलिस ने उपरी असम में वार्ता-विरोधी गुट उल्फा (आई) द्वारा बिछाये गये कई सारे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद किये। डिब्रूगढ़ में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उल्फा (आई) द्वारा आईईडी बिछाये जाने से संबंधित गुप्त सूचना के आधार पर, कमरचुक गांव में नमरप के पुलिस उपाधीक्षक पर्थ बिजोय दत्ता के नेतृत्व में एक अभियान शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि उल्फा से संबंधित एक व्यक्ति, लखयाजीत गोगोई को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार होने के बाद लखयाजीत ने बताया कि बम को उसे उल्फा-आई के उग्रवादी प्रदीम असोम उर्फ एकोन ने नाहरकटिया शहर के किसी भीड़ भरे बाजार में विस्फोट कराने के लिए दिया था। उन्होंने बताया कि कल रात को ओल्ड डिब्रूगढ़ रेलवे स्टेशन पर एक और आईईडी बरामद किया गया। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि चरैदो जिले में, एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की टीम ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया और बहलहबी क्षेत्र से 2.5 किलोग्राम आईईडी बरामद किया। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान लखयाजीत ने यह भी खुलासा किया कि चरैदो जिले के मोरनहट और सोनारी शहरों में आईईडी बिछाने के लिए शंकर गोहैन और निरब सैकिया उर्फ भाईजान नाम के दो लोगों के पास दो आईईडी हैं।

गुवाहाटी: असम में बाढ़ से दो लोगों की मौत हुई है जबकि इससे 14 जिलों में पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। साथ ही काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पवित्र वन्यजीव अभयारण्य और दिब्रू-साईखोवा राष्ट्रीय उद्यान बाढ़ में डूबे हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने बताया कि लखीमपुर जिले के उत्तरी लखीमपुर कस्बे में एक व्यक्ति की जबकि मोरीगांव जिले के मयोंग में एक अन्य व्यक्ति की मौत हुई है। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। लखीमपुर, गोलाघाट, मोरीगांव, जोरहट, धेमजी, शिवसागर, दिब्रूगढ़, नौगांव, चिरांग, कोकराझार, बारपेटा, बोंगईगांव और धुब्री जिलों में नदियों का पानी उनके तटों से उपर बह रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इन 14 जिलों में करीब 1,039 गांव डूब गए हैं। लोगों ने सड़कों, पुलों और राहत शिविरों में आसरा लिया हुआ है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और दिब्रू-साईखोवा राष्ट्रीय उद्यान का बड़ा हिस्सा बाढ़ में डूबे गए हैं जिसके कारण वन्य जीवों को आपदा के समय सहायता के लिए निर्मित ऊंचे मंचों पर शरण लेना पड़ रहा है।

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