भुवनेश्वर: शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाना बलात्कार नहीं है। ओडिशा उच्च न्यायलय ने शनिवार (23 मई) को निचली अदालत के उस फैसले को पलटते हुए यह आदेश दिया, जिसमें 19 साल की एक लड़की से दुष्कर्म के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया था। कानून के मुताबिक, "अगर यह साबित हो जाता कि किसी व्यक्ति ने शादी का झूठा वादा कर किसी महिला के साथ यौन संबंध बनाए हैं, तो वह रेप का दोषी हो सकता है।" जी. अच्युत कुमार को जमानत देते हुए जस्टिस एस.के. पाणीग्रही ने कहा, "बलात्कार कानूनों का उपयोग अंतरंग संबंधों (इंटीमेट रिलेशनशिप) को नियंत्रित (रेगुलेट) करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, खासकर उन मामलों में जहां महिलाएं अपनी पसंद से रिश्ते में आती हैं।"
2019 में 19 साल की एक लड़की से कोरापुट में बलात्कार करने के आरोप में अच्युत को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। लड़की ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि जब वह दो बार गर्भवती हुई, तो अच्युत ने उसे कुछ दवाइयां दीं और गर्भ को गिरा दिया। कोरापुट जिले में लड़की ने पिछले साल 27 नवंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने अच्युत को गिरफ्तार किया।
बाद में उसने जमानत के लिए कोरापुट-ज्योपुर के विशेष सत्र जज की अदालत में याचिका दाखिल की, जो कि खारिज हो गई और तब से अच्युत पुलिस की हिरासत में है। ओडिशा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "अधिकतर शिकायतें सामाजिक रूप से वंचित और समाज के गरीब तबकों व ग्रामीण इलाकों से आती हैं, जिन्हें अक्सर शादी के झूठे वादे करके पुरुषों द्वारा सेक्स का लालच दिया जाता है और फिर गर्भवती होने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं।"