भुवनेश्वर: पूरे देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन है और इस समय पुलिस कर्मी अपने निजी जीवन की परवाह किए बिना दिन रात देश की सेवा में लगे हुए हैं। इसका एक उदाहरण कर्नाटक के बाद अब ओडिशा में देखने को मिला। राज्य के सुंदरगढ़ जिले में सेवारत दो महिला पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्य और शादी के बीच चयन के लिए, इस संकट के समय में कर्तव्य को प्राथमिकता दी और शादी स्थगित कर दी। इन दोनों ने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान होने की मिसाल कायम की।
हाल ही में सुंदरगढ़ जिले का दौरा कर लौटे डीजीपी अभय ने बताया कि होमगार्ड तिलोत्तमा मेहर की शादी 12 अप्रैल को होनी तय हुई वहीं कांस्टेबल सुनीता अधा की शादी 25 अप्रैल को होने वाली थी। उन्होंने कहा, “तिलोत्तमा ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर ड्यूटी कर देश की दूसरी दुल्हनों की दुनिया सुरक्षित करने के लिए अपनी शादी टाल दी।” वहीं बीरमित्रापुर में तैनात सुनीता के बारे में डीजीपी ने कहा कि स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए उसने अपनी शादी टाल दी है। डीजीपी ने तिलोत्तमा और सुनीता की, कर्तव्य प्राथमिकता के लिए सराहना करते हुए दोनों को शुभकामनाएं दीं।
कर्नाटक में डीएसपी ने बढ़ाई शादी की तारीख
इससे पहले, कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर बुलाये जाने के कारण कर्नाटक में एक पुलिस उपाधीक्षक को अपनी शादी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी। कर्नाटक के मांड्या जिले के मालावल्ली में तैनात पुलिस उपाधीक्षक एम जे पृथ्वी की शादी पांच अप्रैल को होनी थी और उन्होंने इसके लिये मार्च के अंत में छुट्टी के लिये अर्जी भी दे दी थी। हालांकि, 15 मार्च से फैली इस महामारी के कारण उन्होंने यह महसूस किया कि लोगों का एकत्र होना सही नहीं है। इसके बाद पूरे देश में लॉकडाउन लागू हो गया।
पृथ्वी ने मीडिया को बताया, 'इसके बाद हमने विवाह नहीं करने का निर्णय किया।' विवाह की तिथि आगे बढ़ाने का एक और कारण यह भी था कि मालावल्ली में उनकी उपस्थिति भी आवश्यक थी। उन्होंने कहा, 'मालावल्ली की पुलिस उपाधीक्षक होने के नाते मेरी उपस्थिति यहां बहुत महत्वपूर्ण थी। मालावल्ली को संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है। यह रेड जोन में है।'मांड्या से लोकसभा सदस्य एस अम्बरीश ने पुलिस उपाधीक्षक के इस कदम की सराहना की।