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कौशांबी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज (शनिवार) दावा किया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के मुकाबले में कोई पार्टी नहीं है, क्योंकि सपा के शासनकाल में प्रदेश इतना विकसित हो चुका है कि दूसरे प्रदेश की सरकारें उसका अनुसरण कर रही हैं। अखिलेश ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘आने वाले विधानसभा चुनावों में कोई भी पार्टी सपा के मुकाबले में नहीं हैं। प्रदेश में अगली सरकार फिर सपा की ही बनेगी।’ उन्होंने दावा किया कि उनकी विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश इतना विकसित हो चुका है कि दूसरे प्रदेश की सरकारें भी उसका अनुसरण करने लगी है। मुख्यमंत्री ने जिले के विकास के लिये पौने दो अरब रूपयों की योजनाओं की सौगात देते हुए कहा कि निकट भविष्य में इस जिले को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने 31 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि कौशाम्बी जिला अब किसी भी लिहाज से पिछड़ा नहीं कहा जाएगा। वह दिन अब दूर नहीं जब इस जिले की गिनती प्रदेश के विकसित व अग्रणी जिलों के रूप में होने लगेगी।

मथुरा: रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने आज (शनिवार) यहां कहा कि वे अगले वर्ष उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने के लिए हो रही कथित दौड़ में शामिल नहीं हैं। सिन्हा मथुरा जंकशन स्टेशन पर अशक्त यात्रियों के लिए स्थापित किए गए एस्केलेटर्स (स्वचालित सीढ़ियों) का लोकार्पण करने के लिए आए थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने भाजपा के किसी भी इंटरनल सर्वे में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की सूची में शामिल होने से पूरी तरह इंकार करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘मैं इस प्रकार की किसी भी दौड़ में शामिल नहीं हूं। मैं जहां हूं, वहीं खुश हूं। पार्टी ने मुझे जनता की सेवा के लिए जो जिम्मेदारी दी है, मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभा रहा हॅूं।’ गौरतलब है कि बिहार चुनावों में मिली करारी हार से सबक लेने के बाद असम विधानसभा चुनाव में पहले से ही मुख्यमंत्री का नाम प्रचारित करने से मिले सकारात्मक परिणाम उत्साहित पार्टी ने जब से उत्तर प्रदेश के चुनावों से पहले मुख्यमंत्री प्रत्याशी का नाम घोषित करने पर विचार करने की घोषणा की है, तभी से आए दिन किसी न किसी कद्दावर नेता के नाम पर सवाल उछाला जा रहा है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों के लिए हो रहे द्विवार्षिक आमचुनाव के लिए आज (शनिवार) बसपा के सतीश चंद्र मिश्र और अशोक कुमार सिद्धार्थ ने पर्चे भरे। विधानपरिषद के लिए बसपा के तीन अन्य लोगों दिनेश चंद्रा, अतर सिंह राव और सुरेन्द्र कश्यप ने भी नामांकन पत्र दाखिल किये। बसपा उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करते समय विधान भवन के केन्द्रीय कक्ष में पार्टी के वरिष्ठ नेता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे। पार्टी की तरफ से लगातार तीसरी बार राज्यसभा भेजे जा रहे सतीश चंद्र मिश्र ने बसपा को पार्टी सुप्रीमो मायावती के नेतृत्व वाली टीम बताया। जब पूछा गया कि सपा और बसपा जैसे क्षेत्रीय दलों ने इन चुनावों में किसी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया, मिश्र ने कहा कि राज्यसभा में बसपा की ओर से मुनकाद अली पहले से ही सदस्य हैं। राज्यसभा की 11 और विधान परिषद की 13 सीटों के लिए जरूरत पड़ने पर मतदान क्रमश: 11 और 10 जून को होगा। संसद के उच्च सदन के लिए सपा की ओर से अमर सिंह और कांग्रेस का दामन छोड सपा में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा सहित सात उम्मीदवारों ने नामांकन किया है।

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में 34 हजार कांस्टेबलों की भर्ती के चयन परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। बिना लिखित परीक्षा कराए सिर्फ मेरिट और शारीरिक योगयता के आधार पर कराई जा रही इस भर्ती को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। रणविजय सिंह, विवेकानंद यादव व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीके मिश्र की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार नागरिक पुलिस में करीब 34 हजार महिला और पुरुष आरक्षियों की भर्ती के लिए दो दिसंबर 2015 को विज्ञापन जारी किया गया था, प्रदेश सरकार ने इसके बाद नियमावली में बदलाव करते हुए पूर्व की चयन प्रक्रिया का अतिक्रमण करके नई चयन प्रक्रिया लागू कर दी। याची के अधिवक्ता का कहना था कि विज्ञापन जारी होने के बाद नियमावली में बदलाव किया यह गलत तरीका है। विज्ञापन जारी होने के बाद चयन प्रक्रिया प्रारंभ मानी जाती है। इसके बीच में नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि विभाग चाहे तो चयन प्रक्रिया जारी रख सकता है। मगर इसका परिणाम अदालत के आदेश के बिना जारी न किया जाए।

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