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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच वाराणसी के एक गांव में दलितों के साथ भोजन करने जा रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर तंज करते हुए कहा कि संदेश देने के लिए खुद उन्होंने भी मजदूरों के साथ खाना खाया था, लेकिन उनकी जाति नहीं पूछी थी। अखिलेश ने राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि चुनावी मौसम में संदेश देने के लिये कई तरह के काम किये जाते हैं लेकिन पार्टियों को काम के आधार पर जनता के बीच जाना चाहिये, जाति या वर्ग के आधार पर नहीं। उन्होंने कहा, प्रदेश में चुनाव आ रहा है। चुनाव में संदेश देना है तो स्नान भी करेंगे। संदेश देना है तो मजदूर भाइयों के साथ भी खाना खाना है। हमने भी मजदूरों के साथ खाना खाया है, लेकिन बगल में बैठी औरत की जाति नहीं पूछी थी। हम जाति वर्ग के आधार पर चीजों को नहीं देखते। जनता में काम के आधार पर जाना चाहिये, उपलब्धियों के आधार पर जाना चाहिये। यह हमारा लोकतंत्र है, संविधान है। मालूम हो कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज होने के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जोगियापुर गांव में दलित परिवारों के साथ भोजन करेंगे। उनके इस कदम को आगामी चुनाव में दलितों को लुभाने की कोशिश माना जा रहा है। प्रदेश में शराबबंदी के मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा, मैं कहूंगा कि किसी को भी शराब नहीं पीना चाहिये। मैं आपके (मीडिया) माध्यम से अपील कर रहा हूं कि कोई भी व्यक्ति शराब ना पिये।

लखनऊ: निष्कासित नेता अमर सिंह की पार्टी में वापसी को लेकर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख नेताओं में नाराजगी के स्वर उभरने के बाद अब उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के साथ सम्भावित गठबंधन को लेकर भी सपा में गम्भीर मतभेद पैदा हो गये हैं। सपा के मुख्य प्रान्तीय प्रवक्ता शिवपाल सिंह यादव जहां साम्प्रदायिक ताकतों से मुकाबले के लिये रालोद-सपा गठबंधन की जरूरत बता रहे हैं, वहीं सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रामगोपाल यादव का कहना है कि अपनी विश्वसनीयता खो चुके रालोद मुखिया अजित सिंह से हाथ मिलाना सपा के लिये समझदारी भरा नहीं होगा। शिवपाल ने सम्भल में जिला योजना की बैठक से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह चाहते हैं कि साम्प्रदायिक शक्तियों को, भाजपा को हराने के लिये सभी लोहियावादी, चौधरी चरण सिंहवादी और गांधीवादी विचारधारा के लोग एक हो जाएं। रालोद के साथ सपा के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री ने कहा ‘‘बातचीत अभी शुरू हुई है, अच्छी बात हुई है। हमारे तो चौधरी साहब (अजित सिंह) से बहुत पहले से ही अच्छे सम्बन्ध हैं।’’ दूसरी ओर, फिरोजाबाद में सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता रामगोपाल यादव ने कहा कि जो लोग जनता में अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। ऐसे लोगों से समझौता करना किसी भी राजनीतिक दल के लिये समझदारी वाली बात नहीं होगी।

बहराइच: उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के नानपारा इलाके में 15 साल की एक छात्रा से तीन युवकों ने उसका अपहरण करने के बाद सामूहिक बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी। इस घटना पर आक्रोश फैलने पर प्रशासन हरकत में आया। पुलिस के अनुसार इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है तथा तीन आरोपियों में से अबतक दो गिरफ्तार किए गए है। किशोरी के पिता ने आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने बताया कि नानपारा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में कक्षा आठ की 15 वर्षीय एक छात्रा शुक्रवार की रात शौच के लिये घर से बाहर निकली थी, लेकिन वह घर नहीं लौटी। कल उसका शव गांव के बाहर एक पेड़ से लटका मिला। पुलिस को संदेह है कि शव को यह दर्शाने के लिए पेड़ से लटका दिया गया कि उसने आत्महत्या की है। मृत लड़की के पिता की तहरीर पर उसी गांव के सर्वजीत यादव, घनश्याम मौर्या तथा इमरान नामक युवकों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या को प्राथमिकी दर्ज की गयी है। मृत लड़की के पिता आरोप लगाया कि इन तीनों ने पहले भी उनकी बेटी को अगवा करने की कोशिश की थी लेकिन वे विफल रहे थे।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के चुनावी गठबंधन की कवायद शुरू हो गई है । प्रदेश सरकार में मंत्री शिवपाल यादव ने रविवार को यहाँ रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद चौधरी अजीत सिंह भी सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलने के लिए उनके निवास पर पहुंचे। इस मुलाक़ात के बाद दोनों पार्टियों में चुनावी गठबंधन की अटकलें तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को अपना गुरु मानते हैं। वोट बैंक के लिहाज़ से चौधरी अजीत सिंह को भी सपा की साइकिल पर सवार होने में फायदा है। दोनों दल पहले भी गठबंधन सरकार चला चुके हैं। इससे पहले रालोद की जद (यू) के साथ विलय और भाजपा के साथ गठबंधन पर बातचीत हुई थी, पर बात नहीं बन पाई। ऐसे में रालोद बहुत फूंक-फूंक कर आगे बढ़ रही है। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया के बीच इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। रालोद अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन को लेकर शुरुआती बातचीत हुई है। दोनों दल अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। सपा पश्चिमी उप्र में पकड़ मजबूत करने के लिए अजीत सिंह को राज्यसभा भेजने पर विचार कर सकती है। हालांकि, सपा सभी राज्यसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है।

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