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मेरठ (जनादेश ब्यूरो): सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम की निर्भय यात्रा को प्रशासन ने रोक दिया है। संगीत सोम ने मेरठ से कैराना तक 42 किलोमीटर की पैदल निर्भय यात्रा पार्टी के मना करने के बावजूद निकालने का फैसला किया था। लेकिन संगीत सोम की निर्भय यात्रा को मेरठ में ही रोक दिया गया। मेरठ प्रशासन ने उन्हें निर्भय यात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी। इस बीच संगीत सोम ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा है कि उन्होंने अपनी निर्भय यात्रा रोक दी है। लेकिन अगर 15 दिन के अंदर यहां की गुंडागर्दी खत्म नहीं हुई तो वह फिर यात्रा निकालेंगे। उन्होंने कहा कि कैराना के हालात अगर नहीं सुधरते हैं तो वह फिर यात्रा निकालेंगे। गौरतलब है कि राज्य भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने संगीत सोम से अपनी यात्रा रद्द करने की सलाह दी थी। कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि संगीत सोम कैराना आए। संगीत सोम के अलावा एसपी नेता अतुल प्रधान की प्रस्तवित ‘सदभावना यात्रा’ पर भी रोक लगाई गई है। कैराना में हालात को देखते हुए धारा 144 भी लागू है। याद रहे कि भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने सबसे पहले एक लिस्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि किस तरह हिन्दू कैराना से पलायन कर रहे हैं। इसके बाद तो देश भर का मीडिया कैराना में पहुंचा और अपने-अपने तरीके से पड़ताल की। सत्तारूढ़ सपा सरकार ने इस तरह के आरोपों से इंकार किया है।

नई दिल्ली: कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित ने गुरुवार को इन अटकलों के बीच पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की कि उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं वरिष्ठ नेता शीला को कांग्रेस आलाकमान ने संभवत: मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में उत्तर प्रदेश में अभियान की कमान संभालने का संकेत दिया है। समझा जा रहा है कि शीला दीक्षित ने इस बारे में मन बनाने के लिए समय मांगा है। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उत्तर प्रदेश के चुनावों में कोई ब्राह्मण चेहरा सामने लाने के पक्ष में बताये जाते हैं और समझा जाता है कि उन्होंने शीला का नाम सुझाया है। जानकारों का मानना है कि कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहा ब्राह्मण समुदाय मंदिर-मंडल की राजनीति के उभरने के बाद भाजपा के पाले में चला गया था। इस बीच मायावती की बसपा को भी बड़ी संख्या में ब्राह्मणों का वोट मिलने लगा। मायावती ने इस समुदाय के कई उम्मीदवार पिछले चुनावों में उतारे थे। ब्राह्मण समुदाय का समर्थन मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर चुनावी नतीजे तय कर सकता है। शीला दीक्षित उत्तर प्रदेश के जाने-माने कांग्रेसी नेता रहे उमाशंकर दीक्षित की पुत्रवधू हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैराना का दौरा कर चुके पांच विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने वहां से परिवारों के विस्थापन को सांप्रदायिक रंग देने पर आज भाजपा पर हमला बोला, जबकि भगवा पार्टी ने दौरा करने वाले समूह में शामिल जेडीयू और राजद पर चुटकी लेते हुए कहा कि बिहार चलाने में ‘विफलता’ के बाद वे माहौल बिगाड़ रहे हैं। कैराना गए नेताओं में शामिल जेडीयू सांसद एवं प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि कैराना के इलाके में कानून व्यवस्था खराब है, जिसके चलते विगत वर्षों में अनेक परिवार वहां से दूसरी जगह चले गए हैं और भाजपा इसे सांप्रदायिक रंग दे रही है। त्यागी ने कहा, ‘भाजपा ने राजनीतिक कारणों से इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया है। यह निंदनीय है। भला हो मीडिया की जांच का कि उसने इसे पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।’ जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्सों की तरह वहां भी खराब कानून-व्यवस्था एक समस्या है।’ त्यागी कैराना का दौरा करने वाले पांच पार्टियों के नेताओं में शामिल थे। उनके साथ भाकपा के डी. राजा, माकपा के मोहम्मद सलीम, राकांपा के डीपी त्रिपाठी और राजद के मनोज झा ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस कस्बे का दौरा किया था।

मथुरा: धार्मिक नगरी में जन सुविधाओं विशेषकर महिला शौचालयों के अभाव के चलते एक महिला ने शहर के व्यस्त क्षेत्र में सत्याग्रह किया और जल्द ही उसके इस अनूठे प्रयास का फल तब देखने मे आया जब स्थानीय नगर पालिका प्रशासन ने सात दिन में शौचालय बनवाने का वादा कर उसका धरना खत्म करवाया। शहर के व्यस्त बाजार में तिलकद्वार पर जब लोगों ने कल एक महिला को 40 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में एक तख्ती लिए हुए खड़ा देखा तो कुछ ही देर में वहां भीड़ जमा होनी शुरू हो गई। महिला ने हाथ में जो तख्ती उठा रखी थी उस पर लिखा था ‘‘महिला सुलभ शौचालय बनवाया जाए’’। महिला का कहना था, ‘‘आज जब तक महिला सुलभ शौचालय बनने का काम शुरू नहीं हो जाएगा, तब मैं यहां से नहीं हटूंगी।’’ शहर के छत्ता बाजार की पीरपंच गली में गॉरमेण्ट्स की दुकान करने वाली आशा लवानियां पिछले एक साल से नगर पालिका अध्यक्ष, जिला प्रशासन और सांसद हेमामालिनी को पत्र लिख-लिखकर एक अदद महिला शौचालय के हेतु गुहार लगा चुकी थीं। यही नहीं वह नगर पालिका अध्यक्ष मनीषा गुप्ता से मिलीं तो भी उनकी बात पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए जब लवानियां ने इस प्रकार से सत्याग्रह चालू किया तो नगर पालिका प्रशासन भी हरकत में आया।

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