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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनावों से पहले 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के हथकरघा बुनकरों के जीवन स्तर में सुधार के लिए उन्हें हर महीने 500 रुपये समाजवादी पेंशन देने का फैसला किया है। परिवार में एक सदस्य को 60 वर्ष की आयु सीमा पूरी करने के बाद पेंशन सीधे उसके खाते में दी जाएगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। प्रदेश में लगभग ढाई लाख हथकरघा बुनकर व 80 हजार हथकरघे हैं। सरकार ने इसी तरह जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना में प्रथम पुरस्कार की राशि 50,000 से बढ़ाकर एक लाख, द्वितीय 35,000 से 50,000 रुपये कर दी है। तृतीय पुरस्कार की राशि 25,000 रुपये रखी गई है। समाजवादी हथकरघा बुनकर पेंशन योजना के लिए 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। योजना के आगामी वर्षों में लाभार्थी बुनकरों की संख्या पर बजट की व्यवस्था की जाएगी। हथकरघा बुनकरों का अन्य व्यवसाय की ओर पलायन रोकने व सुरक्षा देने के लिए समाजवादी हथकरघा बुनकर पेंशन योजना शुरू की जा रही है। पेंशन का पैसा एक वर्ष में दो बार जून और जनवरी में लाभार्थी के बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से दिया जाएगा। शारीरिक व दृष्टि विकलांग को आयु सीमा में 10 साल की छूट मिलेगी। इसके लिए सीएमओ का प्रमाण पत्र मान्य होगा। पुरस्कार प्राप्त बुनकरों को पेंशन में वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा सोसाइटी के सदस्य व अधिक आयु वालों को वरीयता मिलेगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में सियासी असर रखने वाले कौमी एकता दल (कौएद) के अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन का संकेत देते हुए दावा किया कि अगर ओवैसी भाजपा से करीबी होने का आरोप लगने के कारण ‘अछूत’ हैं तो भगवा दल के साथ कथित तौर पर ‘‘अंदरखाने हाथ मिलाकर चलने वाले’’ सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव अस्पृश्य क्यों नहीं हैं। कौएद अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन के सिलसिले में अगस्त में कोई फैसला लेगी। अंसारी ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति की चर्चा करते हुए कहा कि अकेले इतनी बड़ी जंग में ऐलान करना बेवकूफी की बात है, उसके लिये साथी तलाश करने होंगे। वह चाहते हैं कि सियासत में निजी नेकनामी और बदनामी की वजह से कोई बड़ा फायदा उन फिरकापरस्त ताकतों को नहीं पहुंचे जिनसे लड़ते हुए उन्होंने 35-40 साल का राजनीतिक सफर तय किया है। ऐसी शक्तियों में सपा भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में जड़ें जमाने की कोशिश में जुटी ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से गठबंधन की सम्भावना के सवाल पर उन्होंने कहा कि ओवैसी कोई ‘अछूत’ नहीं हैं। हालात और वक्त की नजाकत इंसान को नये फैसले लेने के लिये मजबूर करती है। ओवैसी के भाजपा के प्रति झुकाव के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर अंसारी ने सवाल किया, ‘‘आप पहले हमें यह बता दें कि क्या समाजवादी पार्टी के लोगों के रिश्ते भाजपा के साथ नहीं है।

इलाहाबाद: बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार आज (रविवार) इलाहाबाद में केन्द्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार के खिलाफ जमकर गरजे। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सपने दिखाकर लोगों को ठगने में लगे हैं। वहीँ उन्होंने शराबबंदी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अखिलेश को भी आड़े हाथों लिया। नीतीश ने वादा किया कि प्रदेश में जद यू की सरकार बनी तो शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देंगे। फूलपुर के भुलाईशाह बाबा के मैदान में आयोजित जनसभा में नीतीश तकरीबन ढाई घंटे देर से पहुंचे। इस दौरान पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव व अन्य नेताओं ने मंच पर मोर्चा संभाला। शरद यादव ने मुलायम और मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि लोहिया और अंबेडकर का नाम लेने वाले ये लोग परोक्ष रूप से भाजपा के सहयोगी हैं। परिवारवाद और धनवसूली इनका ध्येय है। अपने संबोधन में नीतीश ने कहा कि बिहार में शराबबंदी करने के बाद यूपी के सीएम अखिलेश यादव से भी इसके लिए अनुरोध किया था। लेकिन उन्होंने शराबबंदी के लिए कोई कदम नहीं उठाया। चुनाव के बाद जनता दल यू की सरकार बनेगी तो यूपी में भी शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। जनसभा स्थल पर वाटर प्रूफ मंच एवं पण्डाल लगाए गए थे। बिहार के आई जी मीना के साथ इलाहाबाद जनपद के एसपी गंगापार के अलावा कई क्षेत्राधिकारी एवं कई एसडीएम सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अर्से से हाशिये पर खड़ी कांग्रेस में नयी जान फूंकने की महत्वाकांक्षा के साथ आलाकमान द्वारा चुनी गयी टीम के पहली बार रविवार को लखनऊ पहुंचने पर पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन किया। रोड शो के दौरान शीला दीक्षित इसके लिये इस्तेमाल किये गये ट्रक में लगा तख्ता टूटने से लड़खड़ा गयीं। हालांकि उन्हें कोई खास चोट नहीं लगी। पार्टी नेताओं ने उन्हें फौरन सम्भाला और एक कार में बैठाया। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित और नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ पहुंचे चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष राज्यसभा सदस्य संजय सिंह तथा समन्वय समिति के अध्यक्ष प्रमोद तिवारी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने राजधानी में रोडशो करके कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश की। हालांकि कांग्रेस महासचिव और पार्टी के प्रान्तीय प्रभारी गुलाम नबी आजाद नहीं आ सके। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से कांग्रेस राज्य मुख्यालय के बीच करीब 16 किलोमीटर तक हुए रोड शो के दौरान जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुष्पवर्षा करके और माला भेंटकर पार्टी नेताओं का जोरदार स्वागत किया।इस स्वागत से गदगद राज बब्बर ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी टीम किसी पार्टी से लड़ने के लिये नहीं बल्कि एक मिशन लेकर आयी है। इस सूबे को पिछले 27 साल के दौरान हुए कुशासन से मुक्ति दिलाना उनकी पूरी टीम का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पिछले 27 साल के दौरान प्रदेश में जो भी सरकार आयी, उसने लूट को ही बढ़ावा दिया।

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