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लखनऊ: मायावती के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस बलिया पहुंची, लेकिन वह वहां नहीं मिले। दयाशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने बलिया, आजमगढ़ और लखनऊ की कम से कम छह जगहों पर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले। हजारों बीएसपी कार्यकर्ता सिंह की गिरफ्तारी को लेकर आज सड़क पर उतरे। समाजवादी पार्टी के नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि पुलिस दयाशंकर सिंह को ढूंढ रही है ताकि उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सके। इसी के तहत दयाशंकर के लालबाग स्थि‍त आवास पर भी पुलिस पहुंची। दयाशंकर के खिलाफ जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है उनमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सात साल से कम की सजा पर पुलिस आरोपी को गिरफ़्तार नहीं कर सकती है। हालांकि उसके आदेश में 13 ऐसे बिंदु है, जिनका हवाला देकर गिरफ़्तारी की जा सकती है। इसमें एक बिंदु में आरोपी की वजह से लॉ एंड ऑर्डर ख़राब होने की दशा में गिरफ़्तारी का प्रावधान है।गौरतलब है कि भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के ख़िलाफ़ 153 ए, 504, 509 और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के विरोध में हजारों बसपा कार्यकर्ताओं ने आज (गुरुवार) यहाँ हजरतगंज चौराहे पर स्थित डा० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के पास जबर्दस्‍त प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं के खिलाफ नारेबाजी कर रहे आक्रोशित बसपाइयों ने टिप्पणी करने वाले नेता दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शनकारी बसपाई उन्हें फांसी पर लटकाने के नारे लगाते रहे। दोपहर करीब 1 बजे बसपा नेताओं ने पुलिस-प्रशासन को दयाशंकर के खिलाफ कार्रवाई के लिए 36 घंटे का समय देते हुए धरना खत्‍म किया। बसपा के प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यालय पर बड़ी संख्‍या में पुलिस तैनात रही और कार्यालय का मुख्‍य द्वार बंद रहा। अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने का फैसला होने के बाद से ही बसपा के नेता-कार्यकर्ता सक्रिय हो गए थे। उन्होंने रात से ही तैयारी शुरू कर दी और सुबह 7 बजे से ही बसपा नेताओं का जमावड़ा लखनऊ की नब्ज कहे जाने वाले हजरतगंज चौराहे पर लगने लगा। सुबह के नौ बजते-बजते अच्छी खासी भीड़ हो गई और नौबत भयंकर जाम की आने लगी। पुलिस ने हालांकि बैरीकेडिंग कर बसपा नेताओं को अंबेडकर प्रतिमा के करीब रोकने की कोशिश की लेकिन पूरा हजरतगंज चौराहा और चारों ओर का यातायात जाम हो गया। प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर का पुतला भी फूंका गया।

लखनऊ: बसपा ने भाजपा नेता दया शंकर सिंह द्वारा अपनी मुखिया मायावती के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी को बड़ा मुद्दा बनाने का फैसला किया है। पार्टी इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने जा रही है। बसपा नेताओं ने भाजपा नेता के खिलाफ देर रात हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। गुरुवार को लखनऊ में इसके विरोध में हजरतगंज चौराहे पर स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर बड़ा प्रदर्शन करेगी। जिसमें प्रदेश भर से पार्टी नेता शामिल होंगे। मऊ में भाजपा नेता दयाशंकर की एक दिन पहले की गयी टिप्पणी वायरल होते ही बसपा में मानो भूचाल आ गया। नेता-कार्यकर्ता सब आक्रोशित। खुद मायावती ने राज्यसभा में दया शंकर सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने पर कड़ा रुख अपनाया तो प्रदेश बसपा ने इसके विरोध में लखनऊ में सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। बसपा के जिले-जिले में मौजूद कार्यकर्ताओं को संदेश दिए जाने का सिलसिला शुरू हो गया। बड़े नेताओं ने जिलों में कोआर्डिनेटरों को फोन कर प्रदर्शन के लिए तैयारी करने और लखनऊ पहुंचने की हिदायत दे दी। बसपा नेताओं का कहना है कि भाजपा और उसके नेता दयाशंकर सिंह की अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बसपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उबाल है। सुबह से दिल्ली से लखनऊ तक फोन घनघनाने लगे। नाराज कार्यकर्ता नेताओं को फोन कर अमर्यादित टिप्पणी के लिए भाजपा नेता को सबक सिखाने की मांग कर रहे थे।

नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। इनमें एक पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तथा दूसरे घाटमपुर में बिजली परियोजना की स्थापना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गोरखपुर एम्स के लिए 1011 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। प्रधानमंत्री 22 जुलाई को गोरखपुर में एम्स की आधारशिला रखेंगे। एम्स की स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की जा रही है। यह उत्तर प्रदेश (यूपी) का दूसरा तथा देश का 12वां एम्स है। यूपी में एक एम्स रायबरेली में बन रहा है। गोरखपुर में स्थापित होने वाला एम्स 750 बेड का होगा। यह अत्याधुनिक आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं, ट्रामा बेड्स, आयुष बेड्स तथा प्राइवेट वॉर्ड से लैस होगा। अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के मुख्य भवन के अलावा आवासीय ब्लॉक भी होगा, जिसमें डॉक्टरों, स्टाफ के आवास के अलावा हॉस्टल भी होंगे। इसमें आईसीयू और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं होंगी। एम्स में मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज में खुलेगा। जो राशि कैबिनेट ने मंजूरी की है वह एम्स के निर्माण के लिए है जबकि संचालन का खर्च अलग से केंद्र सरकार प्रदान करेगी। एम्स की स्थापना से पूर्वी उत्तर प्रदेश के पांच मंडलों गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती तथा देवी पाटन को फायदा होगा।

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