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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अर्से से हाशिये पर खड़ी कांग्रेस में नयी जान फूंकने की महत्वाकांक्षा के साथ आलाकमान द्वारा चुनी गयी टीम के पहली बार रविवार को लखनऊ पहुंचने पर पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन किया। रोड शो के दौरान शीला दीक्षित इसके लिये इस्तेमाल किये गये ट्रक में लगा तख्ता टूटने से लड़खड़ा गयीं। हालांकि उन्हें कोई खास चोट नहीं लगी। पार्टी नेताओं ने उन्हें फौरन सम्भाला और एक कार में बैठाया। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित और नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ पहुंचे चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष राज्यसभा सदस्य संजय सिंह तथा समन्वय समिति के अध्यक्ष प्रमोद तिवारी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने राजधानी में रोडशो करके कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश की। हालांकि कांग्रेस महासचिव और पार्टी के प्रान्तीय प्रभारी गुलाम नबी आजाद नहीं आ सके। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से कांग्रेस राज्य मुख्यालय के बीच करीब 16 किलोमीटर तक हुए रोड शो के दौरान जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुष्पवर्षा करके और माला भेंटकर पार्टी नेताओं का जोरदार स्वागत किया।इस स्वागत से गदगद राज बब्बर ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी टीम किसी पार्टी से लड़ने के लिये नहीं बल्कि एक मिशन लेकर आयी है। इस सूबे को पिछले 27 साल के दौरान हुए कुशासन से मुक्ति दिलाना उनकी पूरी टीम का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पिछले 27 साल के दौरान प्रदेश में जो भी सरकार आयी, उसने लूट को ही बढ़ावा दिया।

आलम यह है कि प्रदेश सरकार का मुखिया यह कहता है कि वह लूट रोकने में असमर्थ हो चुका है।कांग्रेस नेता ने कहा कि बसपा मुखिया मायावती की कलई खुल चुकी है जबकि एक बड़ी पार्टी :भाजपा: का पूर्व तड़ीपार मुखिया (अमित शाह) का एकमात्र काम उत्तर प्रदेश में ऐसे चेहरों को ढूंढना है, जो इस सूबे को जला सके। उन्होंने कहा कि उनके पास कांग्रेस को प्रदेश में फिर से बड़ी सियासी ताकत बनाने के लिये कोई जादू की छड़ी नहीं है। यह छड़ी सिर्फ जनता के पास है। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने एक सवाल पर सफाई देते हुए कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले लोगों की वजह से दिल्ली की व्यवस्था खराब होती है।उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़मरोड़कर पेश किया गया था।उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के चुनाव प्रचार अभियान की कमान सम्भालने के सवाल पर शीला और राज बब्बर ने कोई साफ जवाब नहीं दिया। इस मौके पर कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष निर्मल खत्री भी मौजूद थे।मालूम हो कि करीब 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी 78 वर्षीय शीला दीक्षित को गत गुरवार को उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था। इसके दो दिन पहले ही पूर्व सांसद राज बब्बर को निर्मल खत्री की जगह उत्तर प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया था। इन दोनों की अगुवाई में कांग्रेस के सामने आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी कामयाबी हासिल करके 403 सदस्यीय विधानसभा में अपनी सदस्य संख्या बढ़ाने की बड़ी चुनौती है। इसके पूर्व, रोड शो के दौरान शीला रोडशो के लिये इस्तेमाल किये गये ट्रक में लगा तख्ता टूटने से लड़खड़ा गयीं। हालांकि उन्हें कोई खास चोट नहीं लगी। पार्टी नेताओं ने उन्हें फौरन सम्भाला और एक कार में बैठाया। कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद शीला की यह पहली लखनऊ यात्रा थी।

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