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गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता एवं अन्य सामाजिक अभियानों को आगे बढ़ाने में संत समाज की भूमिका की सराहना करते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि धर्मकर्म के काम के साथ ही समाज को आधुनिक बनाने में भी संतों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मोदी ने गोरखनाथ मंदिर में महन्त अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद वहां मौजूद संत समाज को संबोधित करते हुए कहा कि हमेशा से परिवर्तन को अपनाने वाले हमारे देश में संत परम्परा अब धर्म कर्म के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा समेत हर क्षेत्र से जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि देश के लाखों संत और सैकड़ों मठ व्यवस्थाएं भारत को आधुनिक और सम्पन्न बनाने और देश को लोगों में अच्छे मूल्य विकसित करने में अहम भूमिका निभाएं और कई ऐसा कर भी रहे हैं। देश के भविष्य के लिए यह बहुत उपयोगी है। भाजपा से चार बार सांसद रहे अवैद्यनाथ अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी रहे थे। उनका वर्ष 2014 में निधन हो गया था। सरकार ने पिछले वर्ष उनकी पहली जयंती पर एक डाक टिकट जारी किया था। मोदी ने कहा कि महन्त अवैद्यनाथ समाज के लिये सोचते और उसके भले के लिये प्रयास करते थे और आज उन्हें उनकी प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के अहम विधानसभा चुनावों से पहले यहां कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की।

लखनऊ: बसपा मुखिया मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के आरोप में भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह के परिजनों ने हमले का मुख मोड़ते हुए शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली में बसपा मुखिया समेत कई नेताओं के खिलाफ उन्हीं आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने बताया कि सिंह की मां तेतरा देवी ने लखनऊ में उनकी (सिंह) गिरफ्तारी की मांग को लेकर हुए बसपा के प्रदर्शन में लगे अभद्र नारों का जिक्र करते हुए एक शिकायत दर्ज करायी थी, जिसके आधार पर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस के मुताबिक तेतरा देवी की तहरीर पर जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें बसपा मुखिया मायावती, बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी तथा सचिव मेवालाल के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि सिंह के खिलाफ दो दिन पहले मेवालाल की तहरीर पर ही मुकदमा हुआ था। पुलिस ने बताया कि तेतरा देवी की तहरीर पर दर्ज मुकदमें में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 120 बी, 153 ए, 504, 506 और 509 धाराएं लगायी गयी है। मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद सिंह के परिजनों ने कहा, 'अब हमारी मांग है कि बसपा नेताओं को भी गिरफ्तार किया जाये, जिन्होंने परिवार की महिलाओं के खिलाफ घोर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।’ तेतरा देवी ने आज सुबह हजरतगंज कोतवाली में दाखिल तहरीर में आरोप लगाया था कि कल बसपा के प्रदर्शन के दौरान उनके, उनकी बेटी, बहू और नातिन के खिलाफ अत्यंत अभद्र भाषा और नारों का प्रयोग किया गया। उन्होंने यह भी कहा था कि इस घटना के बाद से सिंह की 12 साल की बिटिया गहरे सदमे में है और उन्हें यह भी आशंका है कि सिंह की हत्या कराये जाने की भी साजिश हो सकती है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज (गुरूवार) कहा कि संघीय कार्यपद्धति में राज्यपाल की उपयोगिता बरकरार है और उन्होंने इस पद पर रहते हुए केन्द्र और राज्य सरकार के बीच सेतु की जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी तरह से संविधान के दायरे में रहकर किया है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने की पूर्वसंध्या पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए नाईक ने कहा कि राज्यपाल का पद खत्म करने के सुझाव पर वह कोई राय जाहिर नहीं करना चाहते, क्योंकि यह उनकी परिधि के बाहर है। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि संघीय कार्यपद्धति में राज्यपाल की उपयोगिता है। वह केन्द्र और राज्य सरकार के बीच सेतु की तरह काम करता है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई मुख्यमंत्रियों की अन्तरराज्यीय परिषद की बैठक में राज्यपाल का पद खत्म किये जाने का सुझाव जिन कारणों से दिया गया, वह नहीं चाहते कि वे वजहें उत्तर प्रदेश में पैदा हों। ऐसी उनकी हमेशा कोशिश रहती है। राज्यपाल से सवाल किया गया था कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई मुख्यमंत्रियों की अन्तरराज्यीय परिषद की बैठक में राज्यपाल का पद खत्म किये जाने के सुझाव के बारे में उनकी क्या प्रतिक्रिया है? विधान परिषद सदस्यों के मनोनयन और लोकायुक्त के चयन समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार और राजभवन के बीच हुए गतिरोध के दौरान खुद पर एक राजनेता की तरह काम करने के लगे आरोपों पर नाईक ने कहा कि उन्होंने जो भी किया वह संविधान के दायरे में रहकर किया।

बलिया: बसपा मुखिया मायावती पर ‘अभद्र’ टिप्पणी करने के आरोप में भाजपा से छह वर्ष के लिए निष्कासित दयाशंकर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा है कि मायावती ने राज्यसभा में कल अपने भाषण के जरिए महिलाओं का अपमान किया है। सिंह ने बुधवार रात कहा कि वह बसपा मुखिया के बारे में दिए गए बयान को लेकर माफी मांग चुके हैं, लेकिन मायावती ने कल राज्यसभा में जिस तरह उनकी मां, बहन और बेटी को लेकर बयान दिया है, उस तरह उन्होंने भी महिलाओं का अपमान किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्यसभा में दिए गए बयान को लेकर बसपा मुखिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे, सिंह ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। मायावती पर टिप्पणी के बाद भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हटाये गये सिंह ने कहा कि भाजपा से निष्कासन का फैसला उन्हें स्वीकार है। अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह राजनेता हैं और सियासत के जरिये जनसेवा करते रहेंगे। सिंह ने कहा कि उन्होंने बसपा मुखिया को सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है। वह बहुत बड़ी नेता हैं और चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इस बीच, कल रात लखनऊ में अपने विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने के बाद दयाशंकर सिंह भूमिगत हो गये हैं। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ है। पुलिस उपाधीक्षक (नगर) केसी सिंह ने आज बताया कि पुलिस ने कल रात सिंह की गिरफ्तारी के लिये उनके आवास पर दबिश दी थी, लेकिन वह घर पर नहीं मिले। बसपा के आंदोलन को देखते हुए दयाशंकर सिंह के बलिया स्थित निवास पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

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