लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के विरोध में हजारों बसपा कार्यकर्ताओं ने आज (गुरुवार) यहाँ हजरतगंज चौराहे पर स्थित डा० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के पास जबर्दस्त प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं के खिलाफ नारेबाजी कर रहे आक्रोशित बसपाइयों ने टिप्पणी करने वाले नेता दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शनकारी बसपाई उन्हें फांसी पर लटकाने के नारे लगाते रहे। दोपहर करीब 1 बजे बसपा नेताओं ने पुलिस-प्रशासन को दयाशंकर के खिलाफ कार्रवाई के लिए 36 घंटे का समय देते हुए धरना खत्म किया। बसपा के प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यालय पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रही और कार्यालय का मुख्य द्वार बंद रहा। अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने का फैसला होने के बाद से ही बसपा के नेता-कार्यकर्ता सक्रिय हो गए थे। उन्होंने रात से ही तैयारी शुरू कर दी और सुबह 7 बजे से ही बसपा नेताओं का जमावड़ा लखनऊ की नब्ज कहे जाने वाले हजरतगंज चौराहे पर लगने लगा। सुबह के नौ बजते-बजते अच्छी खासी भीड़ हो गई और नौबत भयंकर जाम की आने लगी। पुलिस ने हालांकि बैरीकेडिंग कर बसपा नेताओं को अंबेडकर प्रतिमा के करीब रोकने की कोशिश की लेकिन पूरा हजरतगंज चौराहा और चारों ओर का यातायात जाम हो गया। प्रदर्शन के दौरान दयाशंकर का पुतला भी फूंका गया।
कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए ही बसपा के बड़े नेताओं राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, गया चरण दिनकर, पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक भी वक्त से पहले ही धरनास्थल पर पहुंच गए थे। बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि यह मायावती के खिलाफ टिप्पणी नहीं है बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान है। दयाशंकर सिंह ने यूं ही टिप्पणी नहीं की है, ऐसे अपमानजनक भाषण देना या बातें कहना भाजपा के चरित्र में शामिल है। यह भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि बसपा ऐसे अपमान पर चुप नहीं बैठेगी। दयाशंकर को हर कीमत पर गिरफ्तार किया जाना चाहिए। बसपा का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक दयाशंकर सिंह को सजा नहीं दिला दी जाती।
मायावती के खिलाफ अपशब्द:दयाशंकर की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन
लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले दयाशंकर सिंह को भारतीय जनता पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है। उनके निष्कासन के बावजूद अपने नेता के खिलाफ की गयी टिप्पणी से नाराज बसपा कार्यकर्ता आज लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं। हजरतगंज चौराहे पर स्थित डा० भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के पास सुबह से ही कार्यकर्ताओं का जमावडा लगना शुरु हो गया। बसपा ने भाजपा कार्यालय का घेराव करने की घोषणा की है। बसपा ने अपने विधायकों, विधानसभा का चुनाव लड रहे उम्मीदवारों और अन्य कार्यकर्ताओं को लखनऊ पहुंचने का निर्देश दिया था। बसपा कार्यकर्ताओं के भाजपा कार्यालय को घेरने की चेतावनी दिये जाने के कारण पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। रात से ही भाजपा कार्यालय पर पुलिस तैनात है। उनके खिलाफ कल देर रात ही हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया था। बसपा सचिव मेवालाल गौतम की ओर से दर्ज करायी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंह ने अपनी टिप्पणी के जरिये दलितों का अपमान किया है। दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि दयाशंकर को कल रात ही पहले उपाध्यक्ष पद से हटाया गया और बाद में पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया। पार्टी महिलाओं और दलितों का पूरा सम्मान करती है। किसी को भी आपत्तिजनक टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सिंह के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बाद अब बसपा को प्रदर्शन किये जाने सम्बंधी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि इस टिप्पणी को लेकर कल राज्यसभा में भी मामला उठा था। बसपा अध्यक्ष सुश्री मायावती और वरिष्ठ नेता सतीश चन्द्र मिश्र ने सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की थी।