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नई दिल्ली: दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर शनिवार तड़के सड़क किनारे खड़ी बस को टैंकर ने पीछे से टक्कर मार दिया, जिसके कारण बस के बाहर खड़े लोगों में से छह की मौके पर ही मौत हो गयी। हादसे में करीब डेढ़ दर्जन गंभीर रूप से घायल हो गए। जिनमें से 15 को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। एक अन्य दुर्घटना में आगरा से नोएडा जा रही कार में किसी अज्ञात वाहन द्वारा टक्कर मार दिए जाने से कार पलट गई और उसमें सवार दंपति की मौके पर ही मृत्यु हो गई जबकि उनका पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गया। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अरुण कुमार सिंह ने बताया कि यह दुर्घटना उस समय हुई जब शनिवार तड़के नोएडा से एक प्राईवेट बस आगरा जा रही थी। बस में खराबी आ जाने से लोग बस से उतर कर चालक-परिचालक से बस की गड़बड़ी के बारे में सवाल कर रहे थे, उसी दौरान पीछे से आए एक अनियंत्रित टैंकर ने उन सभी को बुरी तरह से रौंद दिया। जिससे मां-बेटे सहित छह लोगों की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। कई लोगों को प्राथमिक चिकित्सा के बाद छुट्टी दे दी गयी। लेकिन आठ लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। उनमें से कुछ की हालत नाजुक बतायी जा रही है।घटना के बाद टैंकर चालक भागने में कामयाब रहा, लेकिन लोगों ने उसके सहायक को पकड़ लिया। सहायक पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मृतकों में से केवल एक सोनू निवासी कानपुर देहात की शिनाख्त हुई है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को बुलंदशहर की दो किशोर बहनों से मुलाकात की। दोनों बहनों ने अपनी मृत मां के लिए न्याय की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को अपने 'खून' से चिट्ठी लिखी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने दोनों बहनों के साथ अखिलेश की मुलाकात की एक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की है। बुलंदशहर की लतिका और तान्या बंसल ने मुख्यमंत्री अखिलेश को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि गत 14 जून को उसके पिता और घरवालों ने उनकी मां अन्नू बंसल को जिंदा जला दिया। इसकी शिकायत उन्होंने स्थानीय पुलिस से की लेकिन उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस घटना के छह दिन बाद अऩ्नू ने दम तोड़ दिया। दोनों नाबालिग लड़कियों के दर्द से दुखी होकर अखिलेश ने बुलंदशहर के एसएसपी और अऩ्य अधिकारियों को लतिका एवं तान्या के घर जाकर उनसे मिलने और पूरे मामले की जानकारी उन्हें देने के लिए कहा था। इसके बाद अखिलेश ने दोनों बहनों को मिलने के लिए बुलाया। दोनों बहनों ने अखिलेश से करीब आधे घंटे मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उऩ्हें सभी संभावित मदद और न्याय दिलाने का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक लड़की को पांच लाख रुपए का मुआवजा और एक फ्लैट उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों लड़कियों की पढ़ाई का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। अखिलेश ने लड़कियों के मामा को नौकरी की पेशकश भी की है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद लतिका ने कहा कि वह सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट है।

नई दिल्‍ली: उत्‍तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीते दिनों हाइवे पर मां-बेटी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार का मामला शनिवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। गैंगरेप की शिकार नाबालिग पीड़िता ने अदालत में अर्जी दायर करके अपील की है कि इस मामले में यूपी के मंत्री आजम खान की आपत्तिजनक टिप्‍पणी के चलते उनके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की जाए। नाबालिग पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पांच मांगें रखी है। जानकारी के अनुसार, इसी महीने की शुरुआत में बीजेपी नेताओं का एक समूह गाजियाबाद में पीड़ित लड़की और उसके परिवार से मिलने के लिए गया था। जिसके बाद राज्‍य के मंत्री एवं वरिष्‍ठ सपा नेता आजम खान ने इस घटना के विपक्ष की साजिश होने की बात कह डाली थी। आजम खान ने यह भी कहा था कि हमें इसकी जांच करानी चाहिए कि कहीं यह सरकार को बदनाम करने के लिए विरोधियों की साजिश तो नहीं। गैंगरेप की शिकार नाबालिग ने शीर्ष कोर्ट से यह भी अपील की है कि केस की जांच और सुनवाई को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जाए। पीड़िता ने कहा कि वह और उसका परिवार नोएडा में रहता है, लिहाजा पूरे केस को दिल्ली ट्रान्सफर किया जाए। पीड़िता ने यह भी मांग की है कि जांच अदालत की निगरानी में कराई जाए। पीड़िता ने अपना दाखिला दिल्ली के स्कूल में कराने और सुरक्षा दिए जाने की भी अपील की है। इसके अलावा उसने अपने परिवार का पुनर्वास कराए जाने की भी बात कोर्ट के सामने रखी है। गौर हो कि 14 वर्षीय नाबालिग पीड़िता बीते 29 जुलाई को अपने परिवार के साथ एक अंतिम संस्कार के लिए जा रहा थी।

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर गैंगरेप केस की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में जांच की स्टेट रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच मामले पर पुन: सुनवाई करने का निर्णय लिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में वह सरकार की ओर से अभी तक की जांच से संतुष्ट नहीं है। इसी हाईवे पर रेप की अन्य चार घटनाओं पर सुनवाई 17 अगस्त को होगी। 29 जुलाई की रात बुलंदशहर में हाईवे पर मां-बेटी से गैंगरेप की सनसनीखेज घटना हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर इसकी सुनवाई शुरू की। चार दिन की सुनवाई में कोर्ट उप्र सरकार द्वारा दी गई रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुई। इस पर शुक्रवार को कोर्ट ने इस गैंगरेप कांड की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इसी हाईवे पर मई से जुलाई के बीच रेप की चार अन्य वारदातें हुईं। उन पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मां-बेटी के साथ गैंगरेप की इस घटना से पहले 7 मई को भी हाईवे पर ऐसी ही एक घटना हुई थी। अगर पुलिस ने उसमें सख्त कार्रवाई की होती तो यह घटना न होती, जिसमें 13 साल की बच्ची दरिंदों की शिकार हुई।

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