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नई दिल्‍ली: राज्यसभा में आज (गुरूवार) समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश को केंद्र द्वारा पर्याप्त राशि जारी नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले लगातार बाधित रही और तीन बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर लोकसभा में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने शून्य काल के दौरान विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश को केंद्र द्वारा पर्याप्त राशि जारी नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया। सुबह राज्यसभा की बैठक शुरू होते ही सपा सदस्यों ने केंद्र पर उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य को पर्याप्त राशि नहीं दी जा रही है। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और मंत्रियों ने कई बार पत्र लिखे हैं कि राज्य को केंद्र द्वारा उसका अंश दिया जाए, लेकिन केंद्र राज्य को राशि नहीं दे रहा और उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है। यादव ने इस क्रम में सर्वशिक्षा अभियान, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, बाढ़ प्रबंधन, उच्चतर शिक्षा, सड़क परियोजना आदि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस वजह से विभिन्न योजनाएं बीच में ही रूकी हैं या काम ही नहीं शुरू हो पाया है। सपा नेता ने कहा कि राशि देने के उलट केंद्र का कहना है कि वे राशि खर्च नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि सरकार आश्वासन दे कि वह दो दिन दिनों में प्रदेश को राशि दे देगी. अन्यथा सदन नहीं चल पाएगा। इस दौरान सपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। उधर लोकसभा में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने शून्य काल के दौरान विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश को केंद्र द्वारा पर्याप्त राशि जारी नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री समेत 73 सांसद सत्तारूढ़ दल के प्रदेश से जीत कर आये हैं। लेकिन ये सांसद प्रदेश के विकास में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री विकास के लिए प्रदेश के हक से सम्बंधित 100 पत्र केंद्र सरकार को लिख चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री समेत अन्य किसी भी मंत्री ने उन पत्रों का जबाब तक नहीं दिया। के लिए उन्होंने कहा कि प्रदेश की विकास योजनाओं का 60 करोड़ रुपए केंद्र सरकार पर बकाया है। लेकिन प्रदेश के विकास को बाधित करने के लिए जानबूझ कर उसका हक नहीं दिया जा रहा है।

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