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बुलंदशहर: सीमा पार भारतीय सेना द्वारा किए गए आतंकी गुटों पर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर कहा कि नरेंद्र मोदी ने ढ़ाई साल में पहली बार एक प्रधानमंत्री की तरह कार्रवाई की है। मोदी को मेरा पूरा समर्थन है, कांग्रेस पार्टी और पूरा देश उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ प्रधानमंत्री की कार्रवाई बिल्कुल सही है। गौर हो कि भारत ने अपनी तरह की पहली कार्रवाई में बुधवार देर रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों पर निशाना साधकर सर्जिकल हमले किए। इसके साथ सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से भारत में घुसपैठ की तैयारी कर रहे आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दी थी कि उरी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को बिना सजा नहीं छोड़ा जाएगा। रक्षा सूत्रों ने आज कहा कि भारतीय सेना के विशेष बलों ने 28 और 29 सितंबर की दरमियानी रात लगभग पांच घंटे तक चले अभियान में नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस दौरान हेलीकॉप्टर सवार और जमीनी बलों का इस्तेमाल किया गया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सनसनीखेज बुलंदशहर सामूहिक बलात्कार कांड से संबंधित मामले में उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खां द्वारा अपने वकील के माध्यम से शीर्ष अदालत में पेश नहीं होने पर आज (मंगलवार) अप्रसन्नता व्यक्त की और केन्द्रीय जांच ब्यूरो को निर्देश दिया कि समाजवादी पार्टी के इस नेता पर नये सिरे से नोटिस की तामील की जाये। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हमारी सुविचारित राय में प्रतिवादी नंबर दो :खां: को यहां पेश होना चाहिए था क्योंकि उनके खिलाफ प्रत्यक्ष आरोप है। इस तथ्य के मद्देनजर हम केन्द्रीय जांच ब्यूरो को निर्देश देते हैं कि प्रतिवादी नंबर दो को नोटिस की तामील की जाये।’’ न्यायालय ने शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि उप्र के मंत्री पर नोटिस की तामील के लिये नोटिस के साथ इस मामले के रिकार्ड की प्रति जांच ब्यूरो को मुहैया करायी जाये। न्यायालय ने कहा कि ऐसा लगता है कि खान ने यह सब अपनी ‘निजी हैसियत में कहा था।’ न्यायालय ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब जांच ब्यूरो की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से खां पर नोटिस तामील की जा सकती है क्योंकि वह राज्य मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं।

लखनउ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने गायत्री प्रजापति को सपा सरकार में फिर शामिल किये जाने की निन्दा करते हुए आज कहा कि अखिलेश यादव ने खुद को कमजोर एवं ‘यू टर्न’ लेने वाला मुख्यमंत्री साबित किया है। मायावती ने कहा, ‘भूतत्व एवं खनन मंत्री के रूप में भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप में कुछ दिन पूर्व बर्खास्त किये गये गायत्री प्रसाद प्रजापति को दोबारा मंत्री बनाकर वर्तमान सपा सरकार के मुखिया (अखिलेश) ने ना केवल अपने आपको एक अत्यंत ही कमजोर व यूटर्न लेने वाला मुख्यमंत्री साबित किया है बल्कि यह भी जगजाहिर हो गया है कि इस सपा सरकार में खराब कानून व्यवस्था के साथ साथ यहां भ्रष्टाचार भी बेलगाम जारी रहेगा।’ उन्होंने गायत्री को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ सपा सरकार की कैबिनेट में शामिल किये जाने पर बयान के जरिए जारी प्रतिक्रिया में कहा, ‘प्रदेश की जनता यह समझ नहीं पा रही है कि जिस मंत्री को अभी हाल ही में खनन विभाग में जबर्दस्त भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया था तथा जिस विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार के मामले पर उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है तो उसे फिर किस मजबूरी में दोबारा मंत्री बना दिया गया।’ मायावती ने कहा कि अगर उस मंत्री का विभाग भी बदल दिया जाता है तो क्या उस मंत्री का चरित्र, चाल और स्वभाव बदल जाएगा? बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जनहित और विकास के काम करने के जो भी दावे अखिलेश सरकार विज्ञापनों के जरिए कर रही है, उनमें से अधिकांश कार्य बसपा शासनकाल में शुरू हुए थे तथा अब उनमें भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है जो बेलगाम जारी है।

मथुरा: राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को यहां आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की पाक नीति में ‘स्थायित्व’ नहीं है और वह यह तय नहीं कर पायी हैं कि उरी हमले के बाद क्या नीति अपनाये। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधु जल संधि के मामले में भाजपा की सरकार को बहुत सोच-विचार के बाद फैसला लेना चाहिए और भविष्य को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाक के प्रति कभी इतना नरम रवैया अपना लेते हैं कि वहां के प्रधानमंत्री को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुला लेते हैं। कभी उनके बर्थडे पर केक काटने पहुंच जाते हैं तो कभी उनकी नवासी की शादी में दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने पहुंच जाते हैं।’ संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि असल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार खुद नहीं तय कर पाई है कि पाकिस्तान के मामले में उसे क्या करना चाहिए। वह दुविधा की स्थिति में है। आजाद सोमवार रात कांग्रेस की देवरिया से दिल्ली यात्रा की अगुआई करते हुए यहां पहुंचे थे। आजाद ने कहा, ‘कभी-कभी वे इस सबके उलट ऐसा सख्त रवैया अपना लेते हैं जो किसी भी सरकार को नहीं अपनाना चाहिए। किसी भी अन्य देश के प्रति कोई निर्णय लेने के मामले में सरकार की सोच में ठहराव होना चाहिए।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मोदी सरकार में कभी विदेश सचिव दूसरे देश से द्विपक्षीय वार्ता की बात करते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आगे बात न करने की सलाह देते हैं। कुछ पता ही नहीं पड़ता कि आखिर वे (सरकार) करना क्या चाहते हैं।’

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