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लखनऊ: समाजवादी पार्टी में चले रहे घमासान को थामने की कोशिशें तेज हो गई हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किए गए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नज़दीकी कुछ युवा नेताओं की बहाली हो सकती है। सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव पार्टी नेतृत्व से इसका आग्रह कर चुके हैं। अखिलेश की जगह शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर सपा मुखिया के आवास के बाहर उग्र प्रदर्शन करने पर एमएलसी आनंद भदौरिया, सुनील यादव साजन, संजय लाठर व युवा संगठनों के अध्यक्षों को पार्टी से बाहर कर दिया था। यह भी संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री समर्थक कुछ प्रत्याशियों के टिकटों पर भी पुनर्विचार हो सकता है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को कई मंत्रियों को बुलाकर सूबे के सियासी माहौल का फीडबैक लिया। उन्होंने सभी को 2017 की चुनावी तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिए। कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक है, किसी स्तर पर कोई मतभेद नहीं है। मुलायम सिंह लगातार पार्टी की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। जब भी मौका लगता है, पार्टी ऑफिस पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने सपा सरकार के कई मंत्रियों व नेताओं से मुलाकात की। उनसे मिलने वालों में मंत्री रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया), महबूब अली, इकबाल महमूद, शाहिद मंजूर और नरेंद्र वर्मा शामिल रहे। सपा मुखिया ने काफी देर तक सभी से अलग-अलग बातचीत की। उनसे प्रदेश के राजनीतिक हालात की जानकारी ली। पूछा, चुनाव को लेकर क्या तैयारियां हैं? उन्होंने कहा कि चुनाव में मुकाबला भाजपा से होना है। भाजपा ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। उसके नेताओं के दौरे हो रहे हैं। चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में दशहरा मनाने आ रहे हैं।उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे पूरी गंभीरता से चुनावी तैयारियों में जुट जाएं, जनता के बीच रहें और उनके सुख-दुख में शामिल हों। अपने क्षेत्रों पर खासतौर से ध्यान दें। सरकार के विकास के कार्यों को जनता तक पहुंचाएं। यह भी पूछा कि उनके क्षेत्रों में क्या-क्या काम हुए हैं? माना जा रहा है कि मुलायम सिंह ने मंत्रियों को बुलाकर जमीनी स्थिति का जायजा लेने के साथ ही पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद से पैदा हुई चिंताओं को दूर करने की भी कोशिश की।

गाजियाबाद: निठारी नरसंहार मामले से जुड़े पांच मामले में दोषी करार दिया जा चुका सुरेन्द्र कोली बुधवार को छठे मामले में भी अपहरण, हत्या, बलात्कार और सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया गया। पिछले पांच मामलों में दोषी ठहराए जा चुके कोली को इन मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी। सीबीआई के न्यायाधीश पवन तिवारी ने उसे कोली के नियोक्ता मनिंदर सिंह पंधेर के घर पर काम करने वाली 25 वर्षीय सहायिका के मामले में दोषी ठहराया। यह सहायिका 31 अक्तूबर 2006 को लापता हो गई थी। कोली की सजा पर फैसला 7 अक्तूबर को सुनाया जाएगा। विशेष लोक अभियोजक जय प्रकाश शर्मा ने कहा कि सीबीआई न्यायाधीश ने कोली को महिला का अपहरण करने, उसकी हत्या करने और बलात्कार करने तथा सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया। निठारी मामला वर्ष 2006 में तब सामने आया था जब पुलिस ने नोयडा के इस गांव में पंधेर के आवास के निकट 19 लोगों की खोपड़ियां और हड्डियां पाई थीं। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। कुल 19 मामले दर्ज किए गए और तीन मामलों में सबूतों के अभाव के चलते सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।

लखनऊ: केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक शिवसेना उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव अपने बलबूते पर लड़ते हुए 200 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी। शिवसेना के प्रवक्ता एवं सांसद संजय राउत ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 403 में से 200 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस दौरान वह किसी भी दल से तालमेल नहीं करेगी। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे वाराणसी में गंगा आरती करके प्रदेश में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरआत करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य 25 से 30 सीटें जीतने का है। उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जो देश की राजनीति को दिशा देता है। जिसके पीछे इस राज्य की जनता का समर्थन होता है वही देश पर राज करता है। भाजपा से तालमेल ना करने के सवाल पर राउत ने कहा, ‘हम राजनीति में अछूत हैं क्योंकि हम प्रखर हिंदुत्ववादी हैं। हम राजनैतिक स्वार्थपूर्ति के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते, ऐसे में भाजपा भी चाहेगी कि हम उत्तर प्रदेश में आगे ना बढ़ें।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना के अभियान के खिलाफ बोलने वाले लोग ‘गद्दार’ हैं और उनका ‘कोर्ट मार्शल’ होना चाहिये। शिवसेना नेता ने एक सवाल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की यह कहते हुए तारीफ की कि वह युवा नेता हैं, जिन्होंने अनेक विकास कार्य किये हैं, लेकिन उन्हें खुलकर काम नहीं करने दिया गया।

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