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नई दिल्‍ली: समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार में बीते कई दिनों से मचे घमासान और कलह को लेकर गुरुवार को राज्‍यसभा सांसद अमर सिंह ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी और पहली बार खुद पर लगे आरोपों पर खुलकर बात की। हालांकि इस दौरान उनका दर्द भी छलक आया और वे भावुक भी हुए। अमर सिंह ने भावुक होकर अपना ‘दर्द’ बयां किया और अखिलेश के ‘दलाल’ कहे जाने पर दुख जताया। साथ ही उन्‍होंने रामगोपाल यादव से अपनी जान को खतरा बताया। अमर सिंह ने कहा कि यूपी के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से दलाल कहे जाने के बाद से वह बहुत दुखी हैं। उन्‍होंने कहा कि अखिलेश हमेशा चाटुकारों से घिरे रहे हैं। अखिलेश के दलाल कहने से दुखी हूं। अखिलेश को नेताजी से सीखना चाहिए। अखिलेश मुलामय के बेटे हैं, इसलिए उनके साथ हूं। मैं जीवनभर मुलायम सिंह यादव के साथ रहूंगा। अखिलेश के खिलाफ छपी खबर से मेरा कोई लेना देना नहीं है। वो मरते दम तक मुलायम के साथ हैं और अखिलेश के भी हमेशा साथ रहेंगे। उन्होंने अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने मुझे दलाल कहा, इसका मुझे बहुत दुख है। जब पूरा परिवार अखिलेश की शादी के खिलाफ था तब मैंने उनका साथ दिया था। उसकी शादी का कोई फोटो नहीं है जिसमें ये 'दलाल' न हो। उन्होंने कहा कि मैं सीएम अखिलेश यादव का साथ दूं या ना दूं लेकिन मुलायम सिंह यादव के बेटे का साथ हमेशा दूंगा। मैंने नेताजी से कहा था कि अगर मेरी बलि से पार्टी में सब कुछ ठीक हो जाएगा तो मैं इसके लिए तैयार हूं।

कानपुर: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी विकास रथ यात्रा तीन नवंबर की रात को कानपुर पहुंचेगी और चार नवंबर की सुबह यहां से कन्नौज रवाना होगी। इसके लिये समाजवादी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास रथ यात्रा को तीन नवंबर को लेकर लखनऊ से रवाना होंगे। उन्नाव होते हुये यह रथ यात्रा देर शाम कानपुर पहुंचेगी। मुख्यमंत्री संभवत: यहां रात को सर्किट हाउस में रुक सकते है और फिर सुबह वह यहां से कन्नौज की ओर रवाना हो सकते है। मुख्यमंत्री को कानपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का एक कार्यक्रम भी रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस रथ यात्रा का स्वागत कानपुर में कई स्थानों पर किया जायेगा और शहर में कई स्वागत द्वार बनाये जायेंगे। उनसे पूछा गया कि इस यात्रा में क्या समाजवादी पार्टी के दूसरा गुट भी शामिल होगा इस पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में कोई गुट नहीं है और समाजवादी पार्टी पूरी तरह से एक है।

इटावा: समाजवादी पार्टी में ‘चाचा-भतीजे’ के बीच मचे घमासान का उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने की कवायद में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश को दिया जा रहा धन चाचा भतीजा खाएंगे। शाह ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार ने कानून व्यवस्था का मजाक बनाकर रख दिया है। बीजेपी अध्‍यक्ष ने दावा किया कि पूर्व में कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा सरकार के समय गुंडे या तो सलाखों के पीछे थे या फिर भूमिगत हो गये थे। शाह ने सपा के गढ़ में संकल्प रैली करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने हर साल उत्तर प्रदेश को एक लाख करोड़ रुपये ज्यादा देने का फैसला किया लेकिन आपके (जनता) के हिस्से कुछ नहीं आने वाला। चाचा (सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव) खाएंगे, भतीजा (मुख्यमंत्री अखिलेश यादव) खाएगा और कुछ बचा तो आजम खां (प्रदेश के कैबिनेट मंत्री) चट कर जाएंगे। उन्होंने शिवपाल, अखिलेश और मायावती पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व में उत्तर प्रदेश में जब कल्याण सिंह की सरकार थी तो कानून व्यवस्था का आलम यह था कि गुंडे या तो सलाखों के पीछे थे या फिर भूमिगत हो गये थे। शाह का निशाना बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर था, जो दावा करती हैं कि जब राज्य में उनकी सरकार थी, तब कानून व्यवस्था की स्थिति दुरूस्त रही।

लखनऊ: सपा में जारी कलह के कारण सपा से मुसलमानों के वोट छिटक जाने के कयासों पर यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खां का बयान आया है। उन्होंने अपने जारी किए गए बयान में‌ लिखा है कि इस समय प्रदेश व देश के राजनैतिक घटना क्रम से मुसलमान सबसे ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि ‌उनको अपना भविष्य बहुत अंधकारमय नजर आ रहा है। उनका टूटता बिखरता सपना सबके सामने है। खेद की बात है कि बिना कुछ किए सभी ने मुस्लिम वोटों को अपनी जागीर समझ रखा है। न तो मुसलमान पानी का बुलबुला है और न ही थाली का बैगन। जिसे कहीं भी कभी भी लुढका दिया जाए। मुसलमानों की हालात पर पैनी नजर है और फैसला लेने में काफी है। फैसला अवश्य ही ऐसा होगा जिससे यह सुनिश्‍चित हो सके कि भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में न बन सके। मुसलमानों का बुद्घजीवी वर्ग और स्वयं मुसलमान अपना अच्छा बुरा भली प्रकार से जानते हैं। मुसलमान मुद्दों पर तथा मजबूत राजनैतिक पकड़ वाले दल या व्यक्तित्व की ओर भी अपनी नजर जमाए हुए हैं। मुस्लिम लीडरशिप तथा स्वयं मुसलमान भी सही मायनों में सेकुलर हिंदुओं के साथ ही चलना चाहते हैं लेकिन न तो हारी हुई लड़ाई लड़ना चाहते हैं और न ही बेभरोसा राजनैतिक ताकत के सहयोगी बनना चाहते हैं।

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