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प्रयागराज (जनादेश ब्यूरो): त्रिवेणी के संगम पर कला-संस्कृति का महाकुंभ सजेगा। चार जगहों पर सजे 24 मंचों पर 5,250 कलाकार अपनी-अपनी कला की प्रस्तुतियां देंगे। बृहस्पतिवार से गंगा पंडाल में काशी के ऋत्विक सान्याल के शास्त्रीय गायन से महोत्सव प्रारंभ होगा। यमुना, सरस्वती पंडाल में 16 जनवरी को और त्रिवेणी पंडाल में 21 जनवरी से अनवरत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां श्रोताओं के आकर्षण का केंद्र रहेंगी।

गंगा पंडाल में बृहस्पतिवार को पार्श्वगायक शंकर महादेवन के सुरों की गंगा में श्रोता आनंद की डुबकी लगाएंगे तो यमुना पंडाल में वाराणसी के संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी मंगला चरण से ईश्वर के चरणों में श्रद्धा निवेदित करेंगे।

पहले दिन सरस्वती पंडाल पर नौटंकी विधा से भी श्रद्धालु परिचित होंगे। पद्मश्री रामदयाल शर्मा 30 सदस्यीय टीम के साथ कृष्ण सुदामा की मित्रता को प्रस्तुत करेंगे। गंगा पंडाल में 10 हजार, त्रिवेणी, यमुना और सरस्वती पंडाल में दो-दो हजार दर्शक बैठ सकेंगे।

हरिद्वार (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल कोई भी पार्टी हो, सभी का मकसद दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराना है। जब गठबंधन बन रहा था, तब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी से विचार-विमर्श कर यह निर्णय लिया था कि जो भी क्षेत्रीय दल जहां मजबूत होगा, अन्य दल भी उसे मजबूत बनाएंगे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी काफी मजबूत स्थिति में है। इस कारण समाजवादी पार्टी ने उसका समर्थन किया है। अखिलेश यादव बुधवार को हरिद्वार में चंडीघाट के नमामि गंगे घाट में चाचा राजपाल यादव के अस्थि विसर्जन के लिए पहुंचे थे।

गंगा में कहीं से भी स्नान करो, पुण्य मिलता है: अखिलेश

पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि कुंभ हिंदू परंपरा के तहत हजारों सालों से होता आया है, जिसमें कई ऋषि मुनियों के दर्शन होते हैं। श्रद्धालु दान देकर और संगम में स्नान कर पुण्य के भागी बनते हैं। मां गंगा गोमुख से लेकर गंगा सागर तक हैं। कहीं भी स्नान करो पुण्य मिलता है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सरकारी खर्चे पर अपनी और अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां लगवाने के मामले में मायावती के खिलाफ लंबित याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने बंद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे पुराना मामला बताते हुए कहा कि अब अगर मूर्तियों को हटाने के लिए कहा गया, तो इससे भी सरकार का ही खर्च बढ़ेगा।

यह याचिका मायावती के मुख्यमंत्री रहते 2009 में रविकांत नाम के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता ने दाखिल की थी। याचिका में लखनऊ, नोएडा समेत राज्य के कई जिलों में बन रहे अलग-अलग स्मारकों पर सवाल उठाया गया था। इन स्मारकों में बहुजन आंदोलन से जुड़े महापुरुषों के साथ मुख्यमंत्री मायावती की मूर्तियां लगवाई जा रही थीं। इसके अलावा बीएसपी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियां भी बड़े पैमाने पर लग रही थीं।

याचिकाकर्ता ने तब इन स्मारकों में सरकारी खजाने से 2600 करोड़ रुपए लगाए जाने का आरोप लगाया था। यह पैसे मायावती और बहुजन समाज पार्टी से वसूले जाने की मांग की थी।

 

लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर सरकार के तमाम दावों के बावजूद वहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, सपा प्रमुख यादव ने कहा, श्रद्धालु परेशानियों-से गुजर रहे हैं और अपनी शिकायतें कर रहे है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

यादव ने दावा किया कि तीर्थयात्री पीने के पानी, भोजन और सिर पर साये के लिए तरस रहे हैं तथा बुजुर्ग श्रद्धालु कई-कई किलोमीटर तक पैदल चलने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम श्रद्धालुओं के वास्ते सर्दी से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किया।

यादव ने कहा “कुंभ स्नान, दान और पुण्य के लिए जाना जाता है। लेकिन सरकार गरीब नाविकों की नाव पर पाबंदी लगाकर उनकी रोजी-रोटी छीनने पर उतारू हो गई। जिनका जीवन नाव चलाकर चल रहा है, उन्हीं की नावें किनारें कर दी गई हैं।”

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