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मेरठ: अखिल भारत हिंदू महासभा ने गुरुवार को मेरठ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या का जश्न मनाया और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को सम्मान देकर विवाद खड़ा कर दिया। हिंदू महासभा से कथित तौर पर जुड़े गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला हाउस में 30 जनवरी 1948 को प्रार्थना सभा के दौरान गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसे 1949 में अंबाला जेल में फांसी दे दी गई थी।

अखिल भारत हिंदू महासभा के सदस्य 'अमर शहीद नाथूराम गोडसे नाना आप्टे धाम' में एकत्र हुए और गोडसे के कार्यों को 'याद' किया। महासभा के वरिष्ठ नेता और नाना आप्टे धाम के संस्थापक पंडित अशोक शर्मा ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया। समारोह में हवन और पूजा आदि की गई तथा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।

धार्मिक समारोह का उद्देश्य कथित तौर पर दुनिया भर से गांधीवाद का 'सफाया' करना था।शर्मा ने मांग की कि केन्द्र सरकार महात्मा गांधी की 'राष्ट्रपिता' की उपाधि को वापस ले। महासभा ने गांधी जी की हत्या से जुड़े नाथूराम गोडसे और नारायण नाना आप्टे के परिवारों को सम्मानित करने की योजना की भी घोषणा की।

कोलकाता (जनादेश ब्यूरो): महाकुंभ मेले में भगदड़ में मारे गए 30 श्रद्धालुओं में शामिल पश्चिम बंगाल की दो महिलाओं के परिजनों ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रयागराज में बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के शव उन्हें सौंप दिए गए। परिजनों ने दावा किया कि केवल एक कागज का टुकड़ा दिया गया, जिसमें लिखा था कि शव उन्हें दे दिया गया है।

"पूरे कुप्रबंधन" के कारण यह तबाही हुई": बंगाल के ऊर्जा मंत्री

पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ मंत्री ने आरोप लगाया कि महाकुंभ मेले में "पूरा कुप्रबंधन" है। राज्य की दो बुजुर्ग महिलाओं की बुधवार को महाकुंभ में हुई भगदड़ में मौत हो गयी थी। ये दोनों कोलकाता के गोल्फ ग्रीन क्षेत्र की बसंती पोद्दार और पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सालबोनी की उर्मिला भुनिया थीं।

घटना को याद करते हुए पोद्दार के बेटे सुरजीत ने कहा कि उन्हें अपनी मां को अस्पताल ले जाने का समय नहीं मिला। उन्होंने कहा, "बाद में हमें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मुझे एक वाहन और एक पुलिसकर्मी दिया गया। उन्होंने मुझे बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र यहां के स्थानीय पुलिस थाने को भेजा जाएगा।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में ड्यूटी पर तैनात पुलिस के एक उपनिरीक्षक की बुधवार दोपहर संगम तट पर तबियत बिगड़ने से मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उपनिरीक्षक अंजनि कुमार राय की नियुक्ति बहराइच जिल में थी। अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) दुर्गा प्रसाद तिवारी ने संवाददाताओं को बताया , “बुधवार को सूचना प्राप्त हुई कि प्रयागराज में महाकुंभ मेले में तैनात उपनिरीक्षक अंजनि राय की आज (बुधवार) दोपहर करीब 12.00 बजे ड्यूटी के दौरान तबियत बिगड़ने से मौत हो गयी।”

उन्होंने बताया कि इसकी सूचना तत्काल उनके परिजनों को दी गयी और रायके परिजन मौके पर पहुंच गये। अधिकारी ने बताया कि संबंधित थाना स्तर से पंचायतनामा व पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की जा रही है और जिला पुलिस प्रयागराज में पुलिस के सम्पर्क में है। अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) रामानंद प्रसाद कुशवाहा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “1976 में जन्मे अंजनि कुमार राय की उम्र करीब 49 वर्ष थी। मूल रूप से वह गाजीपुर जिले के निवासी थे लेकिन वर्तमान समय में उनका परिवार गोरखपुर में रह रहा था।”

लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के नेताओं ने बुधवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मांग की कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम का प्रबंधन तुरंत सेना को सौंप दिया जाना चाहिए। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि यह दुखद घटना राज्य सरकार की विफलता को दर्शाती है।

अखिलेश ने एनजीओ से फंसे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की अपील की

अखिलेश यादव ने कहा कि करोड़ों श्रद्धालु विभिन्न शहरों में प्रयागराज की ओर जाने वाली सड़कों पर फंसे हुए हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश के लोगों तथा गैर सरकारी संगठनों से सड़कों पर फंसे लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करने की अपील की। उन्होंने मांग की कि महाकुंभ में "विश्वस्तरीय व्यवस्था’’ का दावा करने वालों को भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।" अखिलेश ने कहा, इस वक्त संतों और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने की जरूरत है।

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