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प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ में उस समय तनाव बढ़ गया जब संगम में डुबकी लगाने आए श्रद्धालु की भारी भीड़ और पुलिस के बीच टकाव की स्थिति पैदा हो गई है। सोशल मीडिया पर पूरी घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।

संगम तट के सेक्टर 20 में श्रद्धालुओं ने यह कहते हुए हंगामा कर दिया है कि वीआई मूवमेंट का तो ध्यान रखा जा रहा, लेकिन आम लोगों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है, रास्ते बंद होने की वजह से आम लोगों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है। गुस्साए श्राद्धालुओं ने सेक्टर 20 में जमकर हंगामा किया और वहां लगे बैरिकेड्स को तोड़ दिए। खबरों के मुताबिक, एसडीएम कैंप में भी तोड़फोट की।

पांटून पुल पर लगे सुरक्षाकर्मियों से हुई कहासुनी

दरअसल मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लए श्रद्धालु झूंसी से संगम की तरफ बढ़ाना चाहते थे, लेकिन उस मार्ग पर पड़ने वाले 30 पुलों को सुरक्षा के मद्देनजर बंद कर दया गया था। महाकुंभ मेला मार्ग पर 7 नंबर पीपे के पुल के पास पुलिस ने श्रद्धालुओं को रोका तो वे हंगामा करने लगे।

पुल बंद देखकर पांटून पुल पर लगे सुरक्षाकर्मियों और श्रद्धालुओं के बीच कहासुनी हो गई। गुस्साए श्राद्धालुओं ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना जैसे पुलस-प्रशासन को लगी तो अधकारी मौके पर पहुचं गए। उन्होंने श्रद्धालुओं की भीड़ को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। फिलहाल कुंभ मेला प्रशासन ने 13,14 और 15 नंबर पुलों को खोल दया है।

वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने लिखा, "अव्यवस्था सिर्फ़ श्रद्धालुओं को ही नहीं महाकुंभ प्रशासन और प्रबंधन में दिनरात लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी थका रही है। उप्र की सरकार से सविनय निवेदन है कि हमारे अनुरोध को आलोचना न समझे बल्कि आस्थापूर्ण आग्रह मानते हुए तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करे। भाजपा सरकार महाकुंभ को आत्म-प्रचार का स्थान न मानकर, सेवाभाव से देखे जिससे शांति की कामना लेकर आए आध्यात्मिक पर्यटकों की यात्रा बिना किसी संघर्ष के शांतिपूर्ण रूप से सुसंपन्न हो सके।"

उन्होंने आगे कहा, "अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रति भी मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए, उनके उचित विश्राम व भोजन-पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए, जिससे व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सके।"

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