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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को फिलहाल बरकरार रखा है। हालांकि इस मामले पर दूसरी बेंच सुनवाई करेगी। गौर करने वाली बात ये है कि अभी सुप्रीम कोर्ट ने ये तय नहीं किया कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान है कि नहीं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्ज़े को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले में सात जजों की संविधान पीठ की तरफ से 4:3 के बहुमत से फैसला आया है।

एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा दूसरी बेंच करेगी तय

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 सदस्यीय संविधान पीठ को तय करना था कि विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बना रहेगा या नहीं। इससे पहले सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पीठ में सीजेआई के अलावा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, सूर्यकांत, जे.बी. पारदीवाला, दीपांकर दत्ता, मनोज मिश्रा और एससी शर्मा शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अभी ये तय नहीं किया कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान है कि नहीं? ये फैसला दूसरी बेंच करेगी।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में हाइवे के किनारे बने घर को बिना किसी तय प्रक्रिया का पालन किए बुलडोजर से जमींदोज़ किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप इस तरह लोगों के घरों को कैसे तोड़ना शुरू कर सकते हैं? आप रातों-रात किसी का घर नहीं तोड़ सकते। यह अराजकता है।"

'आप रातों-रात किसी का घर नहीं तोड़ सकते': सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अवैध तरीके से मकान ध्वस्त करने के आरोप पर फौरन जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय और प्रशासनिक के साथ कानूनी कार्रवाई करने को कहा। साथ ही याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने 2020 में दायर याचिका पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की।

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में दिनदहाड़े एक स्कूल प्रिंसिपल की हत्या कर दी गई। जिस समय शबाबुल हसन स्कूल जा रहे थे, उस समय बाइक सवार बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी। ये पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हुई है। शबाबुल हसन हर रोज की तरह अपने घर से पैदल ही स्कूल के लिए निकले थे। घर से थोड़ी दूर जाते ही उन पर हमला किया गया। पीछे से दो बाइक सवार बदमाश आए और उन्होंने बिना देरी किए उनपर गोली चला दी। हमलावरों ने सीधे उनकी कनपटी पर गोली मारी। जिसके कारण उनकी मौत हो गई।

गोली लगते ही शबाबुल हसन सड़क पर गिर गए। जिसके बाद आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना मुरादाबाद के थाना मंझोला के लाकडी फाजलपुर इलाके की है। मृतक शबाबुल साई विद्या मंदिर स्कूल में प्रिंसिपल था। साई विद्या मंदिर स्कूल एक बीजेपी नेता का स्कूल बताया जा रहा है। दिन दहाड़े हुई हत्या से लोगों में दहशत फैल गई है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। अज्ञात हमलावरों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन भी किया है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश मदरसा कानून को असांविधानिक बताने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस कानून को पूरी तरह से वैध करार दिया है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कानून को मान्यता दे दी है।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 22 अक्तूबर को हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 मार्च के अपने फैसले में कानून को संविधान के खिलाफ और धर्मनिरक्षेता के सिद्धांत के खिलाफ बताया था। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से मदरसा में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को नियमित स्कूलों में दाखिला देने का निर्देश दिया था। मदरसों में पढ़ने वाले 17 लाख से अधिक छात्रों को राहत देते हुए सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 5 अप्रैल को हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को रद्द कर दिया गया था।

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