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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के लाखों लोगों को लॉकडाउन के दौरान हुए मुकदमों में बड़ी राहत देने जा रही है। प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में आमजन के ऊपर कोविड-19 और लॉकडाउन तोड़ने को लेकर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने के निर्देश दिए हैं। इससे प्रदेश के ढ़ाई लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

कोविड-19 और लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में पुलिस और कचहरी के चक्‍कर लगा रहे यूपी के लाखों लोगों व व्‍यापारियों को जल्‍दी इन चक्‍करों से छुटकारा मिल जाएगा। सरकार प्रदेश भर के थानों में लॉकडाउन की धारा 188 के उल्‍लंघन को लेकर दर्ज हुए मुकदमें वापस लेने की तैयारी कर रही है। अभी हाल ही में सरकार ने प्रदेश भर के व्‍यापारियों के खिलाफ लॉकडाउन के दौरान दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाने के निर्देश जारी किए थे।इसके बाद कानून मंत्री बृजेश पाठक ने व्‍यापारियों पर दर्ज मुकदमों का ब्‍यौरा जुटाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। राज्य सरकार का मानना है कि कोविड के मुकदमों से आम लोगों को अनावश्‍यक परेशानी उठानी पड़ेगी।

थानों में दर्ज मुकदमे वापस होने के बाद लोगों को परेशानी से भी मुक्ति मिल जाएगी। कुछ दिनों पहले सरकार ने व्‍यापारियों को राहत देते हुए उन पर हुए मुकदमे वापस लेने के निर्देश दिए थे और अब आम जनता पर हुए मुकदमे वापस लेने के निर्देश दिए हैं। वही, देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्‍य है, जिसने व्‍यापारियों व आम जनता पर लॉकडाउन के दौरान हुए मुकदमों को वापस लेने के निर्देश जारी किए हैं।

सरकार के कोविड-19 प्रोटोकॉल तोड़ने और लॉकडाउन के उल्‍लंघन के मुकदमे वापस लेने से आम लोगों व व्‍यापारियों को राहत मिलेगी। साथ ही सरकार का मानना है कि इससे न्‍यायालय पर से मुकदमों का बोझ कम होगा। वहीं, लोगों को कचहरी व पुलिस थानों के चक्‍कर काटना नहीं पड़ेंगे।

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