ताज़ा खबरें
तमिलनाडु में भाषा विवाद गहराया, सीएम ने रुपये का प्रतीक चिह्न हटाया
बांके बिहारी पहनेंगे मुस्लिम बुनकरों की बनाई पोशाक, नहीं लगेगा बैन

नई दिल्ली: यस बैंक संकट लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार (6 मार्च) को इशारों में केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने यस बैंक की मौजूदा हालत को देखते केंद्र की जन धन योजना और फिर नोटबंदी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने ट्वीट किया, "क्रोनोलॉजी समझिए: पहले गरीबों का खाता खुलवाया गया, फिर उनका पैसा जमा करवाया गया, नोटबंदी में सबका पैसा बैंक पहुँचाया गया फिर वहां से निकालकर अमीर दोस्तों के साथ बाँटकर खाया गया फिर उन्हें फुर्र करवाया गया और जब लोग अपना पैसा निकालने बैंक गए, तो यस की जगह नो का ठेंगा दिखाया गया।"

इससे पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यस बैंक के मामले को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित एवं विनियमित करने की सरकार की क्षमता को दिखाता है। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने दावा किया, ''भाजपा 6 साल से सत्ता में है। वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।"

उन्होंने सवाल किया, ''पहले पीएमसी बैंक, अब येस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?"

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार (5 मार्च) को सरकार से मशविरा करने के बाद यस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपए मासिक तक निकासी करने की रोक लगाई है। येस बैंक किसी भी तरह के नए ऋण का वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख