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लखनऊ: भाजपा सरकार के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संग रविवार को सुशासन, नेतृत्व व लोक संवाद के गुर सीखे। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम लखनऊ) के विशेषज्ञों ने बकायदा पाठशाला लगाकर उन्हें खास तरह से प्रशिक्षण दिया गया। इस पाठशाला को मंथन-एक नाम दिया गया है। आईआईएम परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन सत्र में कहा कि मनुष्य ईश्वर की श्रेष्ठतम कृति है। जीवन सीखने के लिए होता है। हर मनुष्य उम्र भर कुछ न कुछ सीखता रहता है।

उन्होंने कहा कि लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम प्रदेश के समग्र विकास में सहायक होगा। सीखने के लिए जहां कहीं भी अवसर मिले उसका लाभ अवश्य लेना चाहिए। प्रदेश के सर्वांगीण विकास में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम सहायक सिद्ध हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सुशासन, प्रबंधन, नेतृत्व कौशल व जनभागीदारी को बेहतर ढंग से जानने के लिए आईआईएम संस्थान से सहयोग प्राप्त कर रही है। पहली बार किसी राज्य सरकार ने देश में अपने राजनीतिक नेतृत्व की दक्षता के लिए देश के श्रेष्ठ प्रबन्धन संस्थान से प्रशिक्षण लेने का फैसला किया है।

 

अधिकारी का सुझाव प्राथमिक विद्यालयों पर लागू किया: योगी

अपना अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक प्रशासनिक अधिकारी द्वारा दिए गए सुझावों को प्राथमिक विद्यालयों पर लागू किया। इसका फायदा हुआ। शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में शिक्षण संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

मंथन महत्वपूर्ण: आईआईएम निदेशक

आईआईएम की निदेशक अर्चना शुक्ला ने कहा कि यूपी भारत की रीढ़ है। एक राजनेता से जनता को काफी उम्मीदें होती हैं। इन उम्मीदों को पूरा करने में यह मंथन कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस मंथन कार्यक्रम से अमृत निकलेगा। पर्यावरण पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा मुद्दा है। इसको बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

क्लासरूम जैसा माहौल

आईआईएम परिसर में सभी मंत्रियों को अलग-अलग समूह में बांटा गया। उनके लिए विभिन्न विषयों पर सत्र आयोजित किए गए और उन्हें टास्क भी दिया गया। क्लास रूम जैसे माहौल में वहां राउंड टेबिल लगाई गई थीं। एक-एक समूह में छह-छह मंत्री बैठे। मुख्यमंत्री खुद हर टेबिल पर गए और मंत्रियों को उत्साहित किया।

सीएम आवास से दो बसों में गए मंत्री

रविवार सुबह सारे मंत्री पहले मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वहां से वे सब अपनी कार व सुरक्षा छोड़कर बसों में सवार हो गये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपनी गाड़ी में बैठने के बजाए मंत्रियों के साथ बस में बैठे। सीएम का सुरक्षा काफिला भी साथ साथ चला। आईआईएम परिसर में पहुंच कर मुख्यमंत्री ने पहले 9.30 बजे लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के तहत 6 अलग-अलग विषयों पर 6 सेशन आयोजित किए गये।

प्रशिक्षण के लिए हर मंत्री के लिए 12 हजार फीस

अब मंथन का दूसरा सत्र 15 सितंबर को और तीसरा सत्र 22 सितंबर को होगा। आईएएम ने इस मंथन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रति मंत्री फीस के रूप में 12 हजार रुपये लिए हैं। इसका भुगतान नियोजन विभाग करेगा।

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