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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार की एजेंसियां स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े आंकड़ों की नीति आयोग को ठीक से रिपोर्टिंग करें। उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि मौजूदा सरकारी तंत्र का ही बेहतर उपयोग करें, न कि हरेक बात का हल संविदा पर नियुक्ति या आउटसोर्सिंग में देखें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्त्रियों के साथ ही हमें काम करना होगा। हमने परफॉरमेंस बेस्ड भुगतान शुरू कर दिया है, तब से आधी समस्या सुलझ सी गई है। काम का स्तर बेहतर हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करें। इसके साथ ही प्रदेश में चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना और मातृ वंदन योजना आधार से जोड़ने की योजना है। उन्होंने आयुष्मान भारत के गोल्डन कार्ड को महिलाओं से जोड़ने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुमंगला योजना से पहले महिला अधिकारी हर जिले में तीन दिन कैंप करेंगी। प्रदेश में 60 प्रतिशत इंस्टीट्यूशनल डिलिवरी होती है, यानी महिलाएं सरकारी अस्पतालों या स्वास्थ्य केंद्रों का रुख करती हैं।

उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश की मेडिकल एसोसिएशन के साथ मिलकर काम करना होगा।

स्मृति ईरानी प्रदेश में पोषण अभियान का हाल जाना

केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उत्तर प्रदेश में पोषण अभियान के हालचाल जाने। केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं से अवगत कराया। साथ ही,अपनी अपेक्षा के बारे में बताया और जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पोषण योजनाएं आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये प्रभावी ढंग से चलाई जानी हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल व्यवस्था और टॉयलेट की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों को उचित पुष्टाहार प्राप्त हो, जिससे वे सामान्य श्रेणी में आ सकें। पौष्टिक आहार के लिए कैलेंडर बनाया जाए और इसे जनप्रतिनिधियों के साथ शेयर किया जाए।

बैठक में महिला एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह, कार्यवाहक मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव चिकित्सा देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव महिला कल्याण मोनिका एस. गर्ग समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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